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Khargone News: जमीन गिरवीं रखकर बच्ची का कराया इलाज, सुधार नहीं होने पर भड़के परिजन, डॉक्टर पर लगाए यह आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Tue, 26 Nov 2024 10:48 AM IST
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खरगोन जिले की डायवर्सन रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम विराज हॉस्पिटल में बच्ची के इलाज को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। झिरन्या तहसील की दो वर्षीय बच्ची पिछले दो महीने से अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर परिजनों और समाजजनों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया।
जानकारी के अनुसार, दो सल की वंशिका पिता नानसिंह मुजाल्दे निवासी ग्राम बुडकी दो महीने पहले सीढ़ियों से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उसे बेहोशी की हालत में विराज हॉस्पिटल लाया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, सिर में खून का थक्का जमने के कारण बच्ची का ऑपरेशन किया गया। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चिन्मय भालके ने बताया कि अब तक बच्ची के चार ऑपरेशन किए जा चुके हैं, जिनमें से दो ऑपरेशनों का खर्च अस्पताल ने वहन किया है। डॉक्टर का कहना है कि बच्ची की स्थिति में सुधार हो रहा है। वह अब खाना खा रही है और परिजनों को पहचान भी रही है।
डॉ. भालके ने बताया कि बच्ची के सिर के घाव भरने के लिए प्लास्टिक सर्जन की आवश्यकता है, जो खरगोन में उपलब्ध नहीं है। इसलिए परिजनों को इंदौर जाकर इलाज कराने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, हमने बच्ची का समय पर उपचार कर उसकी जान बचाई है। इंदौर जाने का खर्च उठाना अस्पताल की जिम्मेदारी नहीं है।
बच्ची के पिता नानसिंह ने बताया कि वंशिका के इलाज के लिए उन्होंने अपनी 6 एकड़ जमीन गिरवी रखकर 5 लाख रुपये जुटाए जो अब खर्च हो चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के बाद भी बच्ची के सिर का घाव ठीक नहीं हुआ और डॉक्टर अब इलाज जारी रखने से इनकार कर रहे हैं।
परिजन करन चौहान ने बताया, हमने 5 लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण चार ऑपरेशन हुए। अब डॉक्टर हमें कह रहे हैं कि बच्ची को इंदौर ले जाओ या घर ले जाओ। हमारी मांग है कि या तो बच्ची का इलाज यहीं पूरा किया जाए या हमारे पैसे वापस किए जाएं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को शांत किया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन और परिजनों के बीच वार्ता कराने की कोशिश जारी है। मामला गंभीर है और प्रशासन से हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है।
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