सरकारें और प्रशासनिक व्यवस्था लाख विकास के दावे करें, लेकिन कई बार हकीकत इसके ठीक उलट दिखाई देती है। प्रदेश के कई जिला मुख्यालयों के सुदूर ग्रामीण अंचलों में अब तक सड़क और बिजली की सुविधा नहीं पहुंच सकी है, जिसके चलते ग्रामीणों को आज भी आपात स्थितियों से निपटने के लिए मूलभूत सुविधाओं से तरसना पड़ता है। प्रदेश के खरगोन जिले की महेश्वर तहसील के आदिवासी अंचल देवगढ़ गांव का ऐसा ही एक वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें एक लकड़ी पर चादर को बांधकर उसकी कावड़ बनाई गई है, और उसके सहारे बुजुर्ग मरीज को लेकर कुछ लोग गांव के कच्चे रास्तों से गुजर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि करीब 600 से अधिक आदिवासी समाज की आबादी वाला यह ग्रामीण क्षेत्र अब भी सड़क की सुविधा से वंचित है, और किसी आपात स्थिति में भी सड़क न होने के कारण एंबुलेंस यहां तक नहीं पहुंच पाती है। जिसके चलते मरीज को इसी तरह से लकड़ी पर कपड़े का झोला बनाकर, उसे कंधों पर टांगकर ही एंबुलेंस की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह गांव के एक बुजुर्ग को आपात स्थिति में कावड़ बनाकर अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन अस्पताल पहुंचने में देरी होने और एंबुलेंस के गांव तक न पहुंच पाने के कारण गंभीर रूप से बीमार बुजुर्ग ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
वायरल हो रहे वीडियो में क्या है
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि 5 लोग मिलकर एक लकड़ी में सफेद कपड़ा बांधकर उसमें किसी व्यक्ति को लेटे हुए ले जाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान वे लोग जंगल के बीच गांव के कच्चे रास्ते से गुजरते हुए दिखाई देते हैं, और कपड़े की कावड़ में लेटे व्यक्ति को सहारा देते हुए आगे बढ़ते जाते हैं। इस बीच इनका ही एक साथी उनसे कुछ आगे चलते हुए, इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर रहा है। इस दौरान वह अपने मोबाइल से बात करते हुए सुना जाता है, जिसमें वह कह रहा है कि "दादा को ले जा रहे हैं।"