भवन निर्माण की अनुमति दिलाने के नाम पर मुरैना नगर निगम कार्यालय से एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें नगर निगम और राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। युवक पंकज राठौर ने महापौर के सामने ही इन कर्मचारियों को फोन लगाकर उनकी करतूत उजागर कर दी। फोन पर कर्मचारियों के साथ हुई बातचीत में रिश्वत का पूरा खेल महापौर के सामने आ गया।
पंकज राठौर का कहना है कि राजस्व विभाग के अधिकारी भारती सहित नगर निगम के निर्माण एजेंसी की परमिशन देने वाले सभी अधिकारियों ने उससे रिश्वत मांगी। युवक ने महापौर के सामने ही जब फोन लगाकर एक अधिकारी से बात की तो उसने विधिवत किस-किस को कैसे पैसे दिए जाएंगे, विस्तार में बताया। इस पूरी घटना ने भ्रष्टाचार की जड़ों की गहराई उजागर करके रख दी है।
दरअसल युवक पंकज को अपने प्लॉट का नामांतरण करवाना था और भवन निर्माण की अनुमति लेनी थी, जिसके लिए युवक ने नगर निगम में बाबू से संपर्क किया और रिश्वतखोरी की कहानी शुरू हो गई। पैसों का लेनदेन होने के बाद भी जब युवक का काम नहीं होता दिखा तो उसने महापौर के सामने जाकर कच्चा चिट्ठा खोल दिया।
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युवक ने अधिकारियों को फोन लगाकर महापौर को पूरी बात फोन पर सुनाई। फोन पर कर्मचारियों की बात सुनकर महापौर भी हैरान रह गईं क्योंकि बातचीत में खुलेआम रकम तय की जा रही थी। मुरैना महापौर शारदा सोलंकी का कहना है कि मैंने इस मामले में तत्काल कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी है और दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
भवन निर्माण की अनुमति के नाम पर रिश्वत का ये खेल सिर्फ एक शिकायत नहीं बल्कि सिस्टम की जमीनी हकीकत है। महापौर ने कार्रवाई का आश्वासन जरूर दिया है लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई आम जनता इस रिश्वतखोरी से निजात पा सकेगी।