मुरैना में चंबल नदी से हो रहे अवैध खनन का वीडियो सामने आते ही चिन्नौनी थाने के दो आरक्षकों को एसपी ने निलंबित कर दिया है। सोमवार को सामने आए वीडियो को तिंदोखर घाट पर माफिया के लोगों से बात करने व खनन में सहयोग करने के संदर्भ में देखा जा रहा है। घाट पिछले आठ दिन से पूरी तरह बंद था। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि इसे किसके कहने पर शुरू किया गया। चिन्नौनी थाना प्रभारी शंभूदयाल बाथम ने कहा कि उन्हें तिंदोखर घाट के शुरू होने की जानकारी नहीं थी।
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जिस वीडियो के आधार पर आरक्षक अवधेश सिंह सिकरवार और कोकसिंह रावत पर कार्रवाई हुई है, उसमें घाट पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की लाइन लगी दिखाई दे रही है। रेत का अवैध खनन और परिवहन स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। वीडियो में दोनों आरक्षक सिविल ड्रेस में खड़े दिखाई दे रहे हैं और उनके आसपास रेत माफिया के लोग मौजूद हैं। बगल में चंबल नदी की अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां बेधड़क गुजर रही हैं। एसपी समीर सौरभ ने कहा की वीडियो सामने आने के बाद दोनों आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।
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बता दें कि बागचीनी थाना क्षेत्र में दो दिन पहले ही एक नाबालिग को अवैध रेत से भरे एक ट्रैक्टर-ट्राली ने टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। ट्रैक्टर-ट्राली चंबल नदी के देवगढ़ घाट से अवैध रेत भरकर आ रही थी। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम लगाकर विरोध जताया था। पूर्व कांग्रेसी विधायक नीटू सिकरवार व गांधी मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान ग्रामीणों और नेताओं ने कहा था कि बागचीनी व देवगढ़ थाने की पुलिस प्रत्येक ट्रैक्टर-ट्राली चालक से हर माह पांच हजार रुपये लेती है। जो ट्रैक्टर-ट्राली चालक टक्कर मारकर गया है, उसका नंबर भी इन दोनों थानों की पुलिस के पास होगा। इस दौरान वहां मौजूद एसडीओपी नितिन बघेल का सिर नीचे झुका कर खड़े रहे, वह कुछ भी नहीं बोले। हालांकि, बाद में पुलिस ने आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया था।