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MP News: ममलेश्वर लोक को लेकर बवाल! सीएम से मिलेंगे विधायक, संत समाज सख्त
Video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Mon, 10 Nov 2025 01:57 PM IST
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ज्योतिर्लिंग नगरी ओंकारेश्वर में प्रस्तावित ममलेश्वर महालोक योजना को लेकर प्रशासनिक तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने संकेत दिए हैं कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, महालोक के लिए चुने गए स्थान को लेकर स्थानीय नागरिकों, संत समाज और जनप्रतिनिधियों में गहरा असंतोष पनप रहा है। विरोध की आवाज़ें लगातार तेज़ हो रही हैं और मामला अब मुख्यमंत्री तक पहुंचने वाला है।
राज्य सरकार इस परियोजना पर 136 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इसके तहत करीब 300 मकान, होटल, दुकानें, मठ, मंदिर और आश्रमों को हटाया जाना प्रस्तावित है। प्रशासन की योजना पूरी ब्रह्मपुरी क्षेत्र को खाली कराने की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं और उनकी रोज़ी-रोटी, व्यवसाय और जीवनयापन इसी क्षेत्र से जुड़ा है। ऐसे में उनका सवाल है कि “क्या लोगों के घर-परिवार उजाड़कर ममलेश्वर लोक बनाना न्यायसंगत होगा?”
ममलेश्वर लोक के लिए चुने गए स्थल को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के पार्षदों, संतजनों और समाजसेवियों की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने प्रस्तावित स्थल को नहीं बदला, तो नगर के सभी जनप्रतिनिधि सामूहिक इस्तीफा देकर आंदोलन शुरू करेंगे।
बैठक में पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अंतरसिंह बारे, नेता प्रतिपक्ष राजेश यादव, पार्षद रोमी चौकसे, चंपाबाई, गंगाराम पंचोली, संतोष वर्मा, महंत मंगलदास त्यागी, अध्यक्ष षट् दर्शन संत मंडल सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने कहा कि “ममलेश्वर लोक का निर्माण प्रशासनिक सुविधा नहीं, बल्कि धार्मिक परंपरा और स्थानीय भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए।”
इस बीच प्रशासन ने प्रस्तावित स्थल पर सर्वे कार्य प्रारंभ किया, लेकिन तीव्र विरोध के चलते टीम को लौटना पड़ा। इससे पहले अपर कलेक्टर सृष्टि देशमुख की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी नागरिकों ने अपना विरोध स्पष्ट रूप से दर्ज कराया था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ब्रह्मपुरी क्षेत्र नर्मदा तट के समीप स्थित है, जहां सदियों से संतों के आश्रम और पारंपरिक पूजा स्थल हैं। ऐसे पवित्र स्थल पर भारी निर्माण धार्मिक शांति और परंपरा के विपरीत होगा।
शनिवार को ब्रह्मपुरी क्षेत्र के सैकड़ों निवासी सुलगांव स्थित हथिया बाबा मंदिर पहुंचे और मांधाता विधायक नारायण पटेल से मुलाकात की। नागरिकों ने विधायक से मांग की कि वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बात कर सर्वे कार्य रोकने के निर्देश दें। विधायक पटेल ने कलेक्टर से फोन पर चर्चा की और मुख्यमंत्री से मुलाकात तक सर्वे रोकने का आग्रह किया। उन्होंने इस मुद्दे पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से भी बातचीत की और प्रतिनिधिमंडल के साथ मंगलवार को मुख्यमंत्री से मिलने की बात कही।
ओंकारेश्वर के प्रमुख संत महंत मंगलदास त्यागी ने कहा, “हम विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन ममलेश्वर लोक का स्वरूप और स्थान नर्मदा की परंपरा और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए। संत समाज को विश्वास में लिए बिना यह योजना आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए।”
ओंकारेश्वर विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग और मां नर्मदा की आराधना भूमि है। ममलेश्वर महालोक परियोजना धार्मिक पर्यटन को नई दिशा दे सकती है, लेकिन यदि यह स्थानीय परंपरा, संत समाज और जनता की भावनाओं के विपरीत रही, तो यह जनविरोध का कारण बन सकती है। नागरिकों की मांग है कि मुख्यमंत्री स्वयं ओंकारेश्वर आकर संत समाज, नागरिकों और प्रशासन के साथ बैठक करें, ताकि विकास और धार्मिक गरिमा दोनों का संतुलन बनाए रखा जा सके
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