नरसिंहपुर जिले के कुम्हड़ी गांव में 108 एंबुलेंस सेवा की लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां 26 वर्षीय आरती मलाह को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने एंबुलेंस बुलाई, लेकिन एंबुलेंस कर्मियों ने सिर्फ डेढ़ फीट पानी देखकर वाहन रोक दिया और महिला की मदद करना भी जरूरी नहीं समझा।
बताया गया कि गांव से आरती को सरपंच के वाहन से मुख्य सड़क तक लाया गया, लेकिन बघा नाले पर बने रपटा पुल पर थोड़ा पानी होने के कारण एंबुलेंस चालक वहीं रुक गया। पुल पर महज डेढ़ फीट पानी था, जिसे दोपहिया वाहन और ग्रामीण आसानी से पार कर रहे थे। बावजूद इसके, एंबुलेंस कर्मी आगे जाने को तैयार नहीं हुए। इतना ही नहीं, एंबुलेंस कर्मी वाहन से उतरकर महिला की मदद के लिए भी सामने नहीं आए। मजबूरन आरती की दोनों बहनों को उसे सहारा देकर पैदल नाला पार कराना पड़ा। इस बीच आरती प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। नाला पार करने के बाद ही उसे जिला अस्पताल पहुंचाया जा सका। इस पूरी घटना का वीडियो किसी ग्रामीण ने बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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जिम्मेदारों ने मानी लापरवाही
मामले में 108 एंबुलेंस सेवा के जिला प्रबंधक विजय रघुवंशी ने भी कर्मचारियों की लापरवाही स्वीकार की है। उन्होंने कहा, “यह बेहद असंवेदनशील कृत्य है। वाहन उस स्थान तक जा सकता था और यदि किसी कारण से नहीं जा पाता, तो कर्मचारियों को उतरकर महिला की मदद करनी चाहिए थी। मामले की जांच कर दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है जब 108 सेवा को लेकर शिकायतें सामने आई हैं। बार-बार ऐसा होने के बाद भी अब तक कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में किसी और मरीज के साथ ऐसा व्यवहार न हो।