मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में शिवमहापुराण कथा सुनाने के लिए इंदौर से आए कथावाचक राकेश व्यास की साइलेंट अटैक से मौत हो गई। उनकी मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
जानकारी के मुताबिक, ब्यावरा शहर के राजगढ़ रोड पर स्थित राधा कृष्ण मंदिर में 31 मार्च से 6 अप्रैल तक शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा था, जिसके दो दिवस पूर्ण हो चुके थे। दूसरे दिन बुधवार की कथा समाप्त करने के बाद कथावाचक राकेश व्यास रात्रि विश्राम के लिए चले गए। सुबह स्थानीय रहवासियों ने उन्हें जगाया तो वे नहीं उठे। तुरंत ही उन्हें पास पंजाबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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स्थानीय रहवासी जगदीश साहू ने बताया कि रात्रि विश्राम से पूर्व गुरुजी ने आयोजन समिति के कल्लू गुर्जर के यहां भोजन किया और फिर अपने ठहरने के स्थान पर चले गए। बीती रात तक उन्होंने फोन पर अपने परिवार से बात की, समिति के सदस्यों से चर्चा की और फिर सो गए। सुबह जब उन्हें चाय-पानी के लिए जगाने गए तो वे नहीं उठे। उन्हें तुरंत ही पंजाबी अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है उनकी साइलेंट अटैक से मौत हुई है। उनके शव को इंदौर जिले में उनके गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि कथा 7 दिन तक चलनी थी, लेकिन इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया है।
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लोगों का कहना है कि रात्रि विश्राम से पूर्व मंगलवार को अपनी कथा में कथावाचक राकेश व्यास ने मौत का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था- जिंदगी रंज-ओ-गम का मेला है, कल मैं रहूं या न रहूं, तुम रहो या न रहो, कथा का श्रवण कर लीजिए। एक दिन राजा, रंक और फकीर सबको जाना है। इसके अगले दिन उनकी मौत से सभी हैरान हैं।