जिला पंचायत अध्यक्ष रचना मेवाड़ा के पति सुरेन्द्र मेवाड़ा पर इंजीनियर पर हाथ उठाने और मारपीट करने का आरोप लगा है। आरोप में कहा जा रहा है कि जिला पंचायत भवन में जनपद पंचायत के इंजीनियर का हाथ पकड़कर मोड़ा। बताया जाता है कि इंजीनियर ने फर्जी मूल्यांकन से मना किया इसलिए अध्यक्ष के पति ने मारपीट की। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर इंजीनियर ने कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर आनंद राजावत ज्ञापन सौंपकर एफआईआर की मांग की है।
जानकारी के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष रचना मेवाड़ा के पति और जनपद पंचायत के इंजीनियर के विवाद के बाद जनपद पंचायत के सभी इंजीनियर एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर आनंद राजावत ज्ञापन सौंपकर एफआईआर की मांग की है। मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास अभियंता के बैनर तले सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि मैं अखिल मंगल उपयंत्री जपं. सीहोर में पदस्थ हूं। तीन जुलाई को जिपंं अध्यक्ष पति सुरेन्द्र मेवाड़ा द्वारा जिपं कार्यालय में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया। मुझे शारीरिक क्षति भी पहुंचाई व गाली गलौज करने के साथ मुझ पर हाथ उठाने की कोशिश की गई। मेरा हाथ भी मरोड़ा गया। इंजीनियर ने अध्यक्ष पति पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इंजीनियर ने चेतावनी दी है कि एफआईआर दर्ज नहीं होने पर उनका संगठन बड़ा आंदोलन करेगा। इंजीनियरों ने गुंडागर्दी के विरोध में नारेबाजी भी की।
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जिपं अध्यक्ष पति बोले आरोप निराधार
इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेंद्र मेवाड़ा का कहना है कि लगभग एक साल पहले ग्राम ढाबला में सुदूर सड़क स्वीकृत की थी। उस समय सब इंजीनियर अखिल मंगल थे। जितेंद्र मेवाड़ा वेंडर द्वारा मुरम डाली व साफ सफाई की गई। उसका 7-8 लाख रुपए बिल बना था। डेढ़ साल बाद भी मूल्यांकन नहीं हो सका न पेमेंट हुआ। हमारे पास उक्त व्यक्ति आए जिस पर इंजीनियर से मूल्यांकन करने का निवेदन किया गया। मूल्यांकन से पहले ही जनवरी माह में उनका तबादला हो गया। नए इंजीनियर आ गए। नए इंजीनियर का कहना है उनके कार्यकाल का बिल वही लगाएंगे। तीन जुलाई को दोनों को बुलाया। बातचीत की निवेदन के बाद नए इंजीनियर तैयार हुए कि 6 जनवरी के बाद के बिल मैं लगा दूंगा। पुराने बिल पूर्व के इंजीनियर लगाएंगे। दोनों इंजीनियरों का आपसी मनमुटाव है। थप्पड़ मारने का आरोप गलत है। जिपं. सीईओ के सामने भी वर्तमान इंजीनियर ने कहा कोई थप्पड़ नहीं मारा, न अभद्रता हुई। हाथ पकड़ कर बैठाया था।