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अंबेडकरनगर में सरयू का जलस्तर गिरा... फिर भी कटान तेज, खेत सरयू में हो रहे समाहित
यूपी के अंबेडकरनगर में पहाड़ों पर हो रही बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के चलते सरयू नदी का जलस्तर कभी बढ़ रहा है, तो कभी घट रहा है। आलापुर तहसील क्षेत्र में शुक्रवार को जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज हुई। लेकिन, तेज लहरों के चलते किनारों पर कटान तेज है। खेत नदी में समाहित हो रहे हैं। वहीं टांडा क्षेत्र में भी जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। आगामी दिनों में बारिश तेज होने के साथ नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने के आसार हैं। इसे देखते हुए तहसील प्रशासन ने राहत चौकियों को तैयार करवाना शुरू कर दिया है। आलापुर तहसील क्षेत्र में बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर बृहस्पतिवार को 83.80 मीटर पहुंच गया था। शुक्रवार को 20 सेमी कम होकर 83.60 मीटर हो गया है। कम्हरिया व मांझा कम्हरिया क्षेत्र में कटान जारी रहा। मांझा कम्हरिया ग्राम पंचायत के मजरे बद्री के पुरा निवासी बंसीलाल निषाद का लगभग 20 वर्षों से छप्पर डालकर रह रहे हैं। उनकी मड़ई व पेड़ पौधे कटान की कगार पर पहुंच गए हैं। टांडा तहसील क्षेत्र में बृहस्पतिवार को जहां नदी का जलस्तर 91.90 मीटर दर्ज किया गया था। वहीं शुक्रवार को यह घटकर 91.52 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि खतरे का निशान 92.73 मीटर है। लिहाजा नदी अब खतरे के निशान से एक मीटर 21 सेंटीमीटर ही नीचे बह रही है। ग्रामीणों का कहना है कि रात में नदी का बहाव तेज हो जाता है। कटान रोकने के लिए महादेवा घाट पर ठोकर का निर्माण जिला पंचायत से किया जा रहा है। वहीं मुबारकपुर, डुहिया समेत अन्य गांवों में कटान रोकने के लिए बाढ़ खंड ने जीओ बैग के सहारे करीब आठ बांध बनाए हैं। यह कितने कारगर साबित होते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। ग्रामीण अखिलेश व अमन राज ने बताया कि पिछले कुछ नदी में नदी तेजी से बढ़ी है। अगर जलस्तर और बढ़ता है तो कटान तेज होगी। उधर, नदी के दूसरी ओर महुआपार, गंगापुर समेत कई अन्य गांवों के लोगों को रोजगार के सिलसिले में हर दिन जान जोखिम में डालकर नदी पारकर आना पड़ रहा है।
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