टीकमगढ़ जिले में एक चिट फंड कंपनी द्वारा सैकड़ों उपभोक्ताओं से करोड़ों रुपये की ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। सिविल लाइन क्षेत्र में संचालित पीबी इंडिया निधि लिमिटेड (पीवी इंडिया निधि लिमिटेड) नामक कंपनी अचानक ऑफिस में ताला लगाकर फरार हो गई है। अपने मेहनत की कमाई गंवा चुके उपभोक्ता अब कंपनी कार्यालय, थानों और पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
पीड़ित उपभोक्ता लोकेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2022 में कंपनी में नियमित आरडी और तीन एफडीआर कराई थीं। तय अवधि पूरी होने के बाद जब भुगतान का समय आया, तब तक कंपनी का ऑफिस बंद हो चुका था। कंपनी के मैनेजर और डायरेक्टर रहे शंकर यादव लगातार उपभोक्ताओं को आश्वासन देते रहे, लेकिन पांच महीने से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी न तो पैसा मिला और न ही कोई ठोस जवाब।
रिकॉर्ड के अनुसार, पीबी इंडिया निधि लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन वर्ष 2019 में हुआ था। कंपनी के डायरेक्टर पंकज यादव, रितु लोहार और शंकर यादव थे। इसके बाद कंपनी ने बुंदेलखंड क्षेत्र में तेजी से शाखाएं खोलीं। उत्तर प्रदेश के ललितपुर के साथ-साथ टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़, निवाड़ी, दिगौड़ा, पृथ्वीपुर, जतारा और खरगापुर में शाखाएं खोलकर कम समय में रकम दोगुनी करने का लालच देकर लोगों से निवेश कराया गया।
सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2021 से टीकमगढ़ जिले में कंपनी ने लगभग 14 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया और इसके बाद अचानक फरार हो गई। आरोप है कि इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड ललितपुर निवासी पंकज यादव है, जबकि उसकी पत्नी रितु लोहार और शंकर यादव ने स्थानीय स्तर पर लोगों को प्रलोभन देकर जाल में फंसाया।
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सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी शंकर यादव टीकमगढ़ जिले की ग्राम पंचायत आलमपुर में रोजगार सहायक के पद पर सरकारी नौकरी करते हुए इस कथित ठगी में शामिल रहा। उपभोक्ता रामसेवक का कहना है कि इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय और जिला पंचायत में की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि बीते पांच वर्षों में आरोपी ने करोड़ों की जमीन और कई वाहन रिश्तेदारों के नाम खरीदे हैं।
वहीं, शंकर यादव का कहना है कि सारा पैसा पंकज यादव और रितु लोहार ने गबन किया है। जब उनसे सरकारी नौकरी के साथ ठगी के आरोपों पर सवाल किया गया तो उन्होंने “मिलकर पूरा हिसाब बताने” की बात कही। टीकमगढ़ एसडीओपी राहुल ने बताया कि उपभोक्ताओं की शिकायत प्राप्त हुई है और जल्द ही शंकर यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। अब देखना होगा कि करोड़ों की इस ठगी में पीड़ितों को न्याय कब तक मिलता है।