टीकमगढ़ जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक दलित किसान ने फांसी लगाने का प्रयास कर हाई वोल्टेज ड्रामा किया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और काफी मशक्कत के बाद किसान को समझाइश देकर शांत कराया। किसान गांव के कुछ लोगों पर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने का आरोप लगा रहा है और लंबे समय से न्याय न मिलने से खुद को ठगा हुआ बता रहा है।
जानकारी के अनुसार, टीकमगढ़ जिले के कुर्रई गांव निवासी छत्ता अहिरवार ने करीब दो साल पहले गांव के ही एक व्यक्ति को अपनी जमीन बेची थी। छत्ता अहिरवार का आरोप है कि खरीददार पक्ष ने धोखाधड़ी करते हुए पेंशन दिलाने के बहाने उसे जतारा ले जाकर रजिस्ट्री करा ली। किसान का कहना है कि उसे रजिस्ट्री की शर्तों और प्रक्रिया की सही जानकारी नहीं दी गई और उसके साथ छल किया गया। बाद में जब उसे पूरे मामले का पता चला तो उसने संबंधित थानों, तहसील और अन्य कार्यालयों में कई बार आवेदन दिए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इसी से आहत होकर गुरुवार को छत्ता अहिरवार अपने करीब 50 ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचा। कलेक्ट्रेट के प्रथम गेट पर उसने अचानक फांसी लगाने का प्रयास किया, जिससे वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर टीकमगढ़ एसडीओपी राहुल और एडीएम पहुंचे और किसान से बातचीत शुरू की।
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अधिकारियों ने छत्ता अहिरवार को समझाया कि उसकी शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और विधिसम्मत जांच कराई जाएगी। साथ ही उसे आत्मघाती कदम न उठाने की सलाह दी। अधिकारियों के आश्वासन और समझाइश के बाद किसान और उसके साथ आए ग्रामीण शांत हुए, तब जाकर स्थिति सामान्य हो सकी।
घटना के बाद प्रशासन का कहना है कि किसान की शिकायत की जांच कराई जाएगी और यदि रजिस्ट्री में कोई अनियमितता या धोखाधड़ी पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि गरीब और दलित किसानों की शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई न होने से ऐसे हालात बनते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर पीड़ित किसान को न्याय दिलाया जाए, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह का कदम उठाने को मजबूर न हो।