टीकमगढ़ जिले के कारी तिगैला क्षेत्र में संचालित रविंद्र मेमोरियल पब्लिक स्कूल से जुड़ी एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि स्कूल प्रशासन ने बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के अंतर्गत पढ़ने वाले छात्रों को स्कूल से बाहर निकाल दिया है। यह घटना न केवल प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि निजी स्कूल शासन के नियमों को ताक पर रखकर किस तरह काम कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह छात्रा और छात्र के पिता बृजेंद्र अहिरवार अपने दोनों बच्चों को स्कूल लेकर पहुंचे थे। इसी दौरान फीस को लेकर स्कूल संचालक के साथ विवाद हो गया। बृजेंद्र अहिरवार का कहना है कि उन्होंने स्कूल प्रबंधन को स्पष्ट बताया कि उनके बच्चे बीपीएल कोटे में आते हैं और शासन के नियमों के अनुसार ऐसे छात्रों से फीस नहीं ली जानी चाहिए। लेकिन इसके बावजूद स्कूल संचालक ने न केवल फीस की मांग की, बल्कि विरोध करने पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बच्चों को स्कूल से बाहर निकाल दिया।
पीड़ित छात्रा ने बताया कि स्कूल संचालक द्वारा उसके पिता के साथ गाली-गलौज की गई और कहा गया कि बिना फीस दिए स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा। इस पर पिता और बच्चे मजबूर होकर स्कूल के बाहर ही ठंड में खड़े रहे। बच्ची ने भावुक होकर कहा, “हम पढ़ना चाहते हैं, लेकिन स्कूल वाले हमें अंदर नहीं जाने दे रहे।”
मौसम खराब होने और ठंड बढ़ने के बावजूद दोनों बच्चे सुबह से स्कूल गेट खुलने का इंतजार कर रहे हैं। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि शासन द्वारा बीपीएल छात्रों की शिक्षा निशुल्क करने का प्रावधान है, फिर भी निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा बोले- सभी दल करें बीएलए की नियुक्ति
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई तो गरीब तबके के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। गौरतलब है कि शासन के निर्देशों के बावजूद जिले में कई निजी स्कूल बीपीएल कोटे के छात्रों से फीस वसूल रहे हैं और नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। अब देखना यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी और प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।
स्कूल के प्राचार्य दिलीप यादव का कहना है कि उसकी बेटी बीपीएल कोटे में पढ़ती है जबकि लड़का सामान्य रूप से स्कूल में पढ़ता है, लेकिन उसकी फीस समय से जमा नहीं की जाती है और मुझे इस घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।