श्रावण माह बीत जाने के बावजूद मानसून की बेरुखी से उज्जैन में जलसंकट का खतरा मंडराने लगा है। वर्तमान में नल के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है, लेकिन गंभीर डेम में अब केवल नौ दिनों का पानी शेष बताया जा रहा है। इसके बाद नलों के माध्यम से जल आपूर्ति संभव नहीं होगी।
शहरवासियों को इस जल संकट से मुक्ति दिलाने और अच्छी वर्षा की कामना के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन कर इस संकट के समाधान और अच्छी वर्षा की प्रार्थना की।
पूजन और पर्जन्य अनुष्ठान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी धर्मपत्नी सीमा यादव के साथ सुबह बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन और दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने गर्भगृह में जाकर अभिषेक किया और प्रदेश की खुशहाली के साथ उज्जैन में संभावित जल संकट को समाप्त करने तथा अच्छी वर्षा की कामना की। इसी के साथ उन्होंने महाकाल मंदिर में पर्जन्य अनुष्ठान की शुरुआत भी की।
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क्यों किया जाता है यह अनुष्ठान?
देश, प्रदेश और नगर में अच्छी बारिश के उद्देश्य से आर्द्रा और मृगशिरा नक्षत्र में यह अनुष्ठान किया जाता है। इसमें मंदिर के पुजारी-पंडित नंदी हॉल में श्रृंगी ऋषि की प्रतिमा स्थापित कर उनकी महापूजा करते हैं, साथ ही सहस्त्र जलधारा प्रवाहित करते हुए मंत्रोच्चार से देवराज इंद्र को प्रसन्न किया जाता है। आज सुबह उत्तम वर्षा की कामना से शुरू हुए इस अनुष्ठान में 101 ब्राह्मणों ने पर्जन्य मंत्रों की संपुटि लगाकर रुद्रपाठ द्वारा बाबा महाकाल का अभिषेक किया। पूरे दिन ज्योतिर्लिंग पर सतत जलधारा प्रवाहित की जाएगी। अनुष्ठान के आरंभ में मुख्यमंत्री ने श्रृंगी ऋषि और वरुण देव का पूजन किया।
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सिर्फ 9 दिन का पानी शेष
गंभीर डेम में अब जलप्रदाय के लिए केवल नौ दिनों का पानी बचा है। वर्तमान में डेम का जलस्तर 158.89 एमसीएफटी है, जिससे सिर्फ नौ दिनों तक ही जलापूर्ति हो सकेगी। पीएचई विभाग कैचमेंट एरिया में चैनल कटिंग कर पानी एकत्रित करने का प्रयास कर रहा है। खड़ोतिया ब्रिज के नीचे यह काम जेसीबी और पोकलेन मशीनों से जारी है। फिलहाल डेम के इस पानी से ही जलप्रदाय हो रहा है, लेकिन यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाएगी।