उमरिया जिले के नौरोजाबाद तहसील अंतर्गत ग्राम टकटई और झीमा के बीच नदी में पुल न होने से स्थानीय लोगों को आज भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या बरसात के दिनों में और भी गंभीर हो जाती है, जब नदी का जलस्तर बढ़ने पर आवागमन पूरी तरह ठप हो जाता है। रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक हर काम इस बाधा से प्रभावित होता है।
ग्राम टकटई और कल्दा के बीच बहने वाली विनोदा नदी पर दो वर्ष पूर्व ब्रिज कॉरपोरेशन को पुल निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि पुल बन जाने से उनकी वर्षों पुरानी परेशानी दूर हो जाएगी, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। हालात यह हैं कि ग्रामीणों और विद्यार्थियों को नदी पार करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। नदी पार करने की सबसे बड़ी समस्या टकटई और झीमा गांव के बच्चों के सामने आती है। उन्हें पढ़ाई के लिए कल्दा स्थित हाई स्कूल जाना पड़ता है। पुल न होने के कारण छात्र-छात्राओं को मजबूरी में नदी पार करनी पड़ती है। बरसात में जब नदी उफान पर होती है, तब हालात और खतरनाक हो जाते हैं। कई बार बच्चों को स्कूल जाना छोड़ना पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई पर सीधा असर पड़ता है।
लंबी दूरी तय करने की मजबूरी
ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुल होता तो कल्दा तक का सफर लगभग 10 किलोमीटर में पूरा हो जाता। लेकिन, नदी में पानी भर जाने और बाढ़ जैसी स्थिति होने पर उन्हें 50 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। ग्रामीणों का जीवन इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
सरकार और प्रशासन से नाराजगी
ग्रामीणों ने बताया कि दो वर्ष पहले पुल निर्माण की घोषणा से उन्हें राहत मिली थी। लेकिन, काम शुरू न होने पर अब लोग प्रशासन और सरकार से नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हो पाई।
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हादसे की रहती है आशंका
नदी पार करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि कई बार हादसे की आशंका बनी रहती है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं जब नदी पार करते हैं तो परिजनों की धड़कनें तेज हो जाती हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल बरसात में कई लोग बहते-बहते बचे थे। फिर भी मजबूरी के चलते उन्हें जोखिम उठाकर नदी पार करनी पड़ती है।
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जल्द से जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू हो
ग्रामीण प्रशासन से जल्द से जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुल बनने से न केवल बच्चों की पढ़ाई सुगम होगी, बल्कि आपातकालीन स्थिति में इलाज के लिए भी आसानी से अस्पताल पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान हालात में मरीजों को ले जाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
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