शहर के एनईबी क्षेत्र स्थित एक मदरसे को लेकर धार्मिक और राजनीतिक हलकों में विवाद खड़ा हो गया है। मंगलवार को भाजपा के पूर्व विधायक बनवारीलाल सिंघल, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय द्वारा मदरसे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
पूर्व विधायक सिंघल ने कहा कि जिस भूमि पर मदरसा बना है, उस पर यूआईटी (शहरी सुधार न्यास) का स्टे ऑर्डर है, इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहना कानून की अवहेलना है।इस आरोप पर मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पूर्व विधायक समाज में भ्रम फैलाकर धार्मिक भावनाएं भड़काने और अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे हैं।
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शेर मोहम्मद ने स्पष्ट किया कि मदरसे की जमीन यूआईटी द्वारा विधिवत आवंटित की गई है और उसका नियमित कर भी जमा कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मदरसे के कुछ पुराने गुम्बद जर्जर हो चुके थे, जिनकी मरम्मत का कार्य तीन महीने पहले शुरू किया गया था, लेकिन पुलिस के अनुरोध पर मरम्मत रोक दी गई। अब तीन महीने बाद इस मुद्दे को उठाना केवल धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश है।
उन्होंने प्रशासन से अपील की कि अगर कहीं कोई अवैध निर्माण हुआ है तो पंचायत को सूचित किया जाए, पंचायत स्वयं उसे हटवाने में सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज शांति चाहता है और किसी भी प्रकार के विवाद में नहीं पड़ना चाहता।
शेर मोहम्मद ने यह भी कहा कि जिस मस्जिद का हिस्सा अधूरा पड़ा है, उस पर अभी प्लास्टर भी नहीं हुआ है। उन्होंने मोहब्बत और भाईचारे में विश्वास रखने वालों से अपील की कि इस कार्य को पूरा कराने में सहयोग करें। उन्होंने यह भी साफ किया कि मस्जिद को लेकर किसी प्रकार का कोई मुकदमा या स्टे ऑर्डर नहीं है। शेर मोहम्मद ने प्रशासन से आग्रह किया कि धर्म के नाम पर समाज को गुमराह करने और माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।