फतेहगढ़ में हाल ही में आयोजित थार की अपणायत यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक के बेटे राधेश्याम कल्ला द्वारा पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी महाराज को लेकर की गई अमर्यादित टिप्पणी से संत समाज में गहरा रोष व्याप्त है। बुधवार को बाड़मेर में संत समाज के सैकड़ों प्रतिनिधि सड़कों पर उतरे और सर्वसमाज के लोगों के साथ मिलकर विरोध रैली निकाली। रैली के पश्चात उन्होंने कलेक्टर टीना डाबी को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और दोषी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
रैली से पहले शहर के पनघट रोड स्थित गंगागिरी मठ में संत समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें वक्ताओं ने महंत प्रताप पुरी के खिलाफ की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा की। इसके बाद संतों के नेतृत्व में सर्वसमाज के लोग आक्रोश रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे।
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चौहटन मठ के महंत जगदीश पुरी महाराज ने जानकारी दी कि जैसलमेर के बासनपीर में छतरियों के निर्माण को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, इसे लेकर कांग्रेस के कुछ नेता यात्रा के रूप में बाड़मेर से बासनपीर रवाना हुए थे। हालांकि प्रशासन द्वारा क्षेत्र में धारा 163 लागू होने के कारण उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई और फतेहगढ़ के पास यात्रा को रोक दिया गया। वहीं पर भाषण के दौरान पूर्व विधायक गोवर्धन कल्ला के पुत्र राधेश्याम कल्ला ने महंत प्रताप पुरी के प्रति सार्वजनिक रूप से अमर्यादित टिप्पणी की, जो न केवल एक संत के सम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि भारतीय संस्कृति, संत परंपरा और सनातन मूल्यों के विरुद्ध भी है।
इस टिप्पणी के बाद संत समाज के साथ-साथ सर्वसमाज में भी गहरी नाराजगी देखने को मिली है। हालांकि राधेश्याम कल्ला ने बाद में एक वीडियो जारी कर माफी मांगी लेकिन संत समाज ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा है कि यह माफी पर्याप्त नहीं है।
संतों की मांग है कि राधेश्याम कल्ला तारातरा मठ की बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर जिलों में स्थित किसी भी एक शाखा में जाकर, किसी संत के समक्ष अपनी गलती स्वीकार करते हुए औपचारिक रूप से माफी मांगें, केवल तभी इस प्रकरण को समाप्त माना जाएगा।