संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सुपर स्पेशलिटी विंग में अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है, जिसमें डॉक्टर ने बेटे के इलाज के लिए आए पिता की सर्जरी कर दी और हाथ में चीरा लगाकर 6 से 7 टांके लगा दिए।
दरअसल बारां जिले के अटरू निवासी मनीष पांचाल का कुछ समय पहले एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद वह सुपर स्पेशलिटी विंग अस्पताल में भर्ती था। हादसे में मनीष के पैर में चोट लगी थी और उसके पैर की प्लास्टिक सर्जरी होनी थी। उसकी जांच के बाद उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। इस दौरान मनीष के पिता भी अस्पताल में ही मौजूद थे और बेटे की सर्जरी होने का इंतजार कर रहे थे। तभी ऑपरेशन थिएटर के अंदर से किसी ने जगदीश नाम से आवाज लगाई। नाम सुनते ही मनीष के पिता खड़े हो गए तो स्टाफ उन्हें अंदर ले गया और एनेस्थीसिया दे दिया। मनीष कहना है कि पिता को बेहोश करने के बाद उनके हाथ में चीरा लगाकर 6 से 7 टांके लगा दिए।
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मनीष के पिता को पिछले 10 साल से पैरालिसिस है और वे बोलने में भी सक्षम नहीं हैं। मनीष ने बताया कि उनके पिता का नाम भी जगदीश है, जब स्टाफ ने जगदीश नाम के मरीज को आवाज लगाई तो उन्हें लगा कि मुझे ब्लड या अन्य किसी चीज की जरूरत है और इसलिए पिता खड़े हो गए तभी स्टाफ उन्हें अंदर ले गया और यह पूरा घटनाक्रम हो गया। इस भयंकर लापरवाही के बाद अब अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पलड़ा झाड़ रहा है।
वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि परिजनों ने अस्पताल के अधीक्षक को शिकायत दी। मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी गठित कर दी गई है,जो पूरी जांच करके दो से तीन दिन में रिपोर्ट पेश करेगी। जानकारी में सामने आया है कि 12 अप्रैल को वैस्कुलर सर्जन डॉ. राजेंद्र महावर की ओटी थी, उसी दिन प्लास्टिक सर्जन डॉ. निर्मल गुप्ता ने जगदीश के बेटे मनीष की प्लास्टिक सर्जरी की थी।