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Hathras Case: DM के चालक की बेटी की हुई थी हत्या, मामले में Crime Petrol का क्या कनेक्शन निकला?
हाथरस Published by: अक्षय अग्रवाल Updated Mon, 23 Jun 2025 12:58 PM IST
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में तहसील सदर के सामने जिलाधिकारी के ड्राइवर की बेटी कल्पिता शर्मा की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मुठभेड़ के बाद गिरफ्त में आए दो आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। अभी मुख्य आरोपी गुलशन फरार है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। गिरफ्त में आए आरोपियों ने बताया कि डीएम के ड्राइवर राकेश शर्मा की बेटी कल्पिता शर्मा की मथुरा में ही हत्या करने की साजिश रची गई थी।
लेकिन मौका न मिलने पर तहसील गेट पर हत्या की गई। दरअसल, बीती 14 जून की शाम कल्पिता की तहसील गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें कल्पिता की भाभी ज्योति, उसके दोस्त गुलशन, बुआ गायत्री, गायत्री के बेटे सूरजपाल और गुलशन के साथी नवीन को नामजद किया गया था। नवीन खैर का रहने वाला है। उससे पूछताछ और जांच में दो और आरोपी अभिषेक और नगला मियां के नाम सामने आए थे। हत्याकांड में फरार चल रहे आरोपियों में से दो को पुलिस ने दयानतपुर नहर पुल से किंदौली गांव को जाने वाली पक्की पटरी से मुठभेड़ में गिरफ्तार करने का दावा किया है।
एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि यह दोनों बाइक पर आ रहे थे, पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो इन्होंने फायरिंग कर दी और भागने लगे। जवाबी फायरिंग में अभिषेक के पैर में गोली लगी है। बाद में पुलिस ने मौके से भागे भारत को भी काबिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से की गई पूछताछ के हवाले से बताया कि मुख्य आरोपी गुलशन मूलरूप से छावा नगरिया का रहने वाला है और अभिषेक उसका दोस्त है। अभिषेक हलवाई का काम करता है और भारत उसके साथ तंदूर पर रोटी पकाने का काम करता है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बताया है कि मथुरा में कल्पिता की हत्या करने की साजिश रची गई थी। इसकी तैयारी भी कर ली गई थी। लेकिन मौका नहीं मिल पाया।
बता दें कि कल्पिता मथुरा के सरकारी अस्पताल में नर्स की प्रैक्टिस करती थी। घटना वाले दिन वह ट्रेन के जरिए मथुरा से हाथरस आई, आरोपी भी उसी ट्रेन से आए। स्टेशन से उतरने के बाद कल्पिता ई रिक्शा से अपने घर तहसील परिसर पहुंची, ई रिक्शा में आरोपियों को उसकी हत्या करने का मौका नहीं मिल पाया। इसके बाद ये तहसील गेट पर दो बाइकों से रेकी करते रहे। गुलशन ने कल्पिता की हत्या करने की ठान रखी थी, जिसकी वजह से तहसील के गेट पर दो बाइकों से रेकी करते रहे। उसके बाद कल्पिता की तहसील गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। तैयारी यह भी थी कि अगर गुलशन गोली मारने से चूक जाए तो अभिषेक गोली चलाएगा। पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद गुलशन, अभिषेक और भारत बाइक से अलीगढ़ पहुंचे और यहां गुलशन की रिश्तेदारी में कुछ देर के लिए रुके। यहां से बुलंदशहर राजघाट पहुंचे और रात में एक धर्मशाला में रुके।
यहां गुलशन ने अभिषेक और भारत को पांच-पांच हजार रुपये दिए। बाद में एक तय जगह पर मिलने की बात कर तीनों अलग-अलग निकल गए। भारत को अभिषेक ने गुलशन से मिलवाया था और बताया था कि वह एक बाइक रेसर था। यह तेज बाइक चलाना जानता था। घटना के बाद तेजी से बाइक चलाकर भागने में मदद करेगा। कल्पिता हत्याकांड में आरोपियों के पकड़ने के साथ साथ कई पहलू सामने आ रहे हैं। पांच दिन पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी नवीन ने ही कल्पिता शर्मा के आने-जाने की रेकी की थी। पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुख्य आरोपी गुलशन भारद्वाज और नवीन में गहरी दोस्ती थी। नवीन कुमार मथुरा में एक निजी लैब में काम करता था। नवीन का रोजाना मथुरा में आना-जाना रहता था।
कल्पिता भी मथुरा में सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम रही थी। नवीन कुमार कई दिनों से ट्रेन में आने जाने के दौरान कल्पिता पर नजर रखे हुए था। अस्पताल तक उसका पीछा करता। उसके अस्पताल जाने, वहां से निकलने, ट्रेन से हाथरस और हाथरस से घर पहुंचने तक की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था और इसकी जानकारी गुलशन को देता था। पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि तहसील के गेट पर गोली मारने के बाद नवीन ई रिक्शा से रेलवे स्टेशन पहुंचा और रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर मथुरा निकल गया था। घटना के दौरान यह बात सामने आई थी कि आरोपी बुलेट बाइक पर सवार थे। लेकिन अब खुलासा हुआ है को आरोपी चार लोग थे, जिसमें अभिषेक और भारत अपाचे बाइक पर सवार थे।
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