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VIDEO: मोहर्रम में घर आता और देर रात तकरीर करके लौटता था अकमल, शुरू से ही संदिग्ध रहीं गतिविधियां
एटीएस के हत्थे चढ़ा जिले के हलियापुर के कांकरकोला निवासी अकमल रजा की गतिविधियां शुरू से ही संदिग्ध रहीं। 2000 के मुस्लिम आबादी वाले अपने गांव में वह केवल मोहर्रम व किसी विशेष आयोजनों में आता था। अशोक सिंह बताते हैं, अकमल की इधर गांव आने-जाने की गतिविधि बढ़ी हुई थी। मुहर्रम के समय में वो गांव आया था। अक्सर वो तकरीरों में जाता और रात-रात को लौटता। गांव के कुछ एक युवाओं को वो साथ रखता। एक प्राइवेट मदरसा गांव में है उसमें जो मौलाना हैं उनके साथ भी उठना-बैठना उसका रहता लेकिन वो ऐसा कर जाएगा, यह हम लोगों ने सोचा भी नहीं था।
ग्रामीण अशोक सिंह ने बताया कि यहां उसके खुद के परिवार का कोई नहीं रहता। उसके चाचा की फैमली ही यहां रहती है। वो सीधे लोग हैं। दिल्ली में कहां अकमल का परिवार रहता है यह गांव वालों को भी नहीं पता।
प्रधान प्रतिनिधि मान सिंह ने बताया कि, अकमल के पिता शराफत करीब तीन दशक से दिल्ली में रहते हैं। वे अपना परिवार साथ रखते हैं। उसके परिवार में पत्नी के अलावा अकमल को लेकर तीन बेटे और बेटियां हैं। सबसे बड़ा तय्यब फिर गुड्डू और सबसे छोटा अकमल है।
उन्होंने यह भी बताया कि शराफत अली के पिता रज्जब अली की(80 वर्ष) से अधिक उम्र में अभी दो साल पहले मौत हुई है। वे 75 साल तक गांव में नाऊ का काम करते रहे। उनके शराफत के बड़े भाई भोलू और छोटे भाई सहमत का परिवार गांव में रहता है। इनके पास खेती किसानी नहीं है। शराफत दिल्ली में ही सैलून की दुकान चलाता है। मान सिंह के चाचा बताते हैं कि साल 2007 की बात है तत्कालीन डीएम से अकमल उलझ गया था। उसने बदतमीजी किया। जिस पर उसे पुलिस उठा ले गई थी। लेकिन बाद ग़रीबी को देखते हुए उसे छोड़ दिया गया था।
आरोपी अकमल की चाची शकीला बताती हैं वो मेरे पास यहां 5 तारीख को आया था। लेकिन मेरे पास ज़्यादा रहता नहीं है। आता था, कभी कधार जब उसको मौका मिलता था वो आकर खाना खाकर चला जाता था। किसी दिन आकर रात भी रुक जाता था। उसका परिवार करीब 20 साल से दिल्ली में है। उसके पिता आदि कोई प्रोग्राम होता है तो आता है। हम इसके बारे में कहां क्या करता था इसके बारे में कुछ नहीं मालूम है। हमारे खेती तक नहीं है, गांव में सब लोगों की खेती करते हैं।
अकमल को जब सोमवार को एटीएस ने अमेठी के रानीगंज से उठाया तो उस समय शकीला का बेटा रेहान साथ में था। उसे भी अकमल के साथ एटीएस साथ लेकर गई थी। लेकिन बाद में पूछताछ के बाद एटीएस ने उसे छोड़ दिया था। वहीं, मंगलवार सुबह हलियापुर पुलिस ने भी गांव पहुंच कर जांच पड़ताल करते हुए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजा है।
गांव निवासी 75 वर्षीय इदरीस ने कहा एटीएस की कार्रवाई के बारे में हमें जानकारी नहीं है। हालांकि वे अकमल के बाप दादा को सही बता रहे थे। अकमल को लेकर उन्होंने कहा दिल्ली में रहता था अब मौलावियत कर रहा था क्या कर रहा था यह हम लोगों को नहीं पता।
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