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Hathras Case: एसआईटी रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट? अफसर और आयोजक जिम्मेदार, लेकिन सूरजपाल का जिक्र नहीं

अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़ Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 09 Jul 2024 09:45 AM IST
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Hathras Stampede Case SIT submitted 855 page report, many officers and organizers were held responsible
Hathras Stampede Case - फोटो : अमर उजाला
हाथरस हादसे के मूल कारणों और लापरवाही उजागर करने के लिए गठित की गई एसआईटी ने 855 पेज की अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। सूत्रों की मानें तो एडीजी आगरा-कमिश्रर अलीगढ़ की संयुक्त एसआईटी की रिपोर्ट में दक्षिण के कुछ राज्यों के नंबर, कुछ अधिकारी-कर्मचारी, सेवादार-आयोजक इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार ठहराए गए हैं। 
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Hathras Stampede Case SIT submitted 855 page report, many officers and organizers were held responsible
Hathras Stampede - फोटो : अमर उजाला
दो जून की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया था। एसआईटी ने 132 लोगों के बयान दर्ज किए।
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Hathras Stampede Case SIT submitted 855 page report, many officers and organizers were held responsible
Hathras Stampede - फोटो : अमर उजाला
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि फिर घटनास्थल पर ही घटना के चंद समय पहले और घटना के बाद के साथ-साथ घटना के समय के सर्विलांस के जरिये बीटीएस टावर की लोकेशन ली गई। 
Hathras Stampede Case SIT submitted 855 page report, many officers and organizers were held responsible
Hathras stampede - फोटो : अमर उजाला
उसकी डिटेल में दक्षिण के राज्यों के चार अलग अलग नंबर ऐसे सामने आए, जिनको घटना के पहले और घटना के समय कॉल हुई है। ये नंबर संदिग्ध हैं और उनको घटना से जोड़कर देखा गया है। इसके साथ ही, थाना-तहसील से लेकर कुछ जिला स्तर के अधिकारियों की लापरवाही का भी हवाला दिया गया है। 

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Hathras Stampede Case SIT submitted 855 page report, many officers and organizers were held responsible
Hathras Stampede - फोटो : अमर उजाला
एसआईटी रिपोर्ट में कई अधिकारी और आयोजक ठहराए गए जिम्मेदार
हाथरस हादसे पर जांच रिपोर्ट तैयार हो गई और शासन तक भेज दी गई। मगर इसमें हादसे के कारणों?, अनदेखी-लापरवाही को कौन जवाबदेह? आदि तथ्यों को बेहद गोपनीय रखा गया है। गोपनीयता का आलम ये है कि जो कर्मचारी रिपोर्ट तैयार करने में लगाए गए, उनको निगरानी में रखा गया और मोबाइल तक बंद कराकर रखे गए। 
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