{"_id":"69485d4240b70f1c770279cc","slug":"basement-accident-death-took-him-away-leaving-the-bread-behind-agra-news-c-25-1-agr1008-946575-2025-12-22","type":"story","status":"publish","title_hn":"बेसमेंट हादसा: मौत खींच ले गई, रोटी धरी छोड़ि गए","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
बेसमेंट हादसा: मौत खींच ले गई, रोटी धरी छोड़ि गए
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Mon, 22 Dec 2025 02:19 AM IST
विज्ञापन
बेसमेंट हादसा: बिलखती हीरालाल की पत्नी सुशीला व अन्य
विज्ञापन
बाह। बिजकौली गांव में निर्माणाधीन मकान के बेसमेंट की दीवार ढहने से हुई दो लोगों की मौत से पीड़ित परिवार बेहाल हैं। हीरालाल की मौत से सदमे में आई पत्नी सुशीला देवी ने बताया कि पति को मौत खींच ले गई। नातिन ने रोटी खाने के लिए बुलाया था, रोटी धरी छोड़ि गए, कह गए थे कि अबेई आइकें खाइ लेंगो, फिर बे लौटे ई नई, मलबा में दबि गए, निकारे तब सांसे चलि रही थी। आगरा लै जात में संगु छोड़ि गए।
बेटे राजू, विक्रम ने बताया कि पिता हीरालाल खेती करते थे। खेतों से काम निपटाने के बाद जब दोपहर में घर आते थे, तो रोजाना बस्ती में बैठने जाते थे, लेकिन रविवार को उन्हें मौत बेसमेंट में खींच ले गई। वहीं, योगेश कुमार की मौत से उनके परिवार के सपने चकनाचूर हो गए। बेसमेंट से योगेश को निकाला गया तो पत्नी बबली, बेटा सनी इलाज के लिए लेकर दौड़ पड़े। एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती भी करा दिया, लेकिन उनकी सांसे थम गईं। पति की मौत से बबली सुधबुध खो बैठी है। योगेश कुमार के अलावा परिवार में कोई और कमाने वाला नहीं है। उनके सामने बेटी नेहा की शादी एवं बेटे रोहित की परवरिश की पहाड़ सी चुनौती है। योगेश की बूढ़ी मां उमा की देखभाल का भी जिम्मा है। उमा अभी योगेश की मौत से अनजान हैं, वह बस यही बोलती हैं कि जि भीड़ कइकौ लगी है।
Trending Videos
बेटे राजू, विक्रम ने बताया कि पिता हीरालाल खेती करते थे। खेतों से काम निपटाने के बाद जब दोपहर में घर आते थे, तो रोजाना बस्ती में बैठने जाते थे, लेकिन रविवार को उन्हें मौत बेसमेंट में खींच ले गई। वहीं, योगेश कुमार की मौत से उनके परिवार के सपने चकनाचूर हो गए। बेसमेंट से योगेश को निकाला गया तो पत्नी बबली, बेटा सनी इलाज के लिए लेकर दौड़ पड़े। एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती भी करा दिया, लेकिन उनकी सांसे थम गईं। पति की मौत से बबली सुधबुध खो बैठी है। योगेश कुमार के अलावा परिवार में कोई और कमाने वाला नहीं है। उनके सामने बेटी नेहा की शादी एवं बेटे रोहित की परवरिश की पहाड़ सी चुनौती है। योगेश की बूढ़ी मां उमा की देखभाल का भी जिम्मा है। उमा अभी योगेश की मौत से अनजान हैं, वह बस यही बोलती हैं कि जि भीड़ कइकौ लगी है।
विज्ञापन
विज्ञापन
