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Budaun News: कस्तूरबा विद्यालयों में स्टाफ की तैनाती से हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई होगी आसान
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बदायूं। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई कराने के लिए स्टाफ की तैनात की गई है। जिले के सात विद्यालयों में प्रधानाचार्य के सात पद थे, जिन पर सातों प्रधानाचार्यों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसके अलावा 42 शिक्षिकाओं के पद खाली थे, वह भी भर गए है।
जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए अब राहत मिली है। शासन के निर्देश पर जिले के 18 कस्तूरबा विद्यालयों को उच्चीकृत करने की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में सात विद्यालयों जगत, समरेर, कादरचौक, म्याऊं, उसावां, सहसवान और सालारपुर में भवन निर्माण एवं हॉस्टल की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।
इन विद्यालयों में अब छात्राएं आवासीय व्यवस्था के साथ पढ़ाई कर रही हैं। अब इन सातों विद्यालयों में शासन ने नियमित स्टाफ तैनात कर दिया है। पहले जहां केवल कक्षा आठ तक पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं ही हाईस्कूल और इंटर की बच्चियों को पढ़ा रहीं थीं, वहीं अब प्रधानाचार्य, विषयवार प्रशिक्षित शिक्षिकाएं और लैब असिस्टेंट की नियुक्ति से स्थिति काफी सुधर गई है। इससे छात्राओं की पढ़ाई न केवल व्यवस्थित हुई है, बल्कि उच्च कक्षाओं की विषयगत कठिनाइयां भी अब दूर हो रही हैं।
विद्यालयों में स्टाफ न होने के कारण छात्राओं को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों में खासा संघर्ष करना पड़ता था। प्रयोगशाला और विषयगत गतिविधियां लगभग प्रभावित रहती थीं। लेकिन लैब असिस्टेंटों और प्रशिक्षित शिक्षिकाओं के आने से अब पढ़ाई का स्तर सुधरा है। छात्राएं कह रही हैं कि अब उन्हें कक्षा नौ, दस और 11वीं की पढ़ाई समझने में आसानी हो रही है। प्रधानाचार्यों की तैनाती से विद्यालयों का संचालन, अनुशासन, सुरक्षा और हॉस्टल प्रबंधन भी पहले से अधिक मजबूत हुआ है।
सात कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्राएं रहकर वहीं पर पढ़ाई कर रहीं हैं। ऐसे में शासन के निर्देश पर नियमित शिक्षकों को रखा गया है, ताकि शिक्षिका का माहौल बेहतर हो सके। -वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
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जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए अब राहत मिली है। शासन के निर्देश पर जिले के 18 कस्तूरबा विद्यालयों को उच्चीकृत करने की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में सात विद्यालयों जगत, समरेर, कादरचौक, म्याऊं, उसावां, सहसवान और सालारपुर में भवन निर्माण एवं हॉस्टल की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।
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इन विद्यालयों में अब छात्राएं आवासीय व्यवस्था के साथ पढ़ाई कर रही हैं। अब इन सातों विद्यालयों में शासन ने नियमित स्टाफ तैनात कर दिया है। पहले जहां केवल कक्षा आठ तक पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं ही हाईस्कूल और इंटर की बच्चियों को पढ़ा रहीं थीं, वहीं अब प्रधानाचार्य, विषयवार प्रशिक्षित शिक्षिकाएं और लैब असिस्टेंट की नियुक्ति से स्थिति काफी सुधर गई है। इससे छात्राओं की पढ़ाई न केवल व्यवस्थित हुई है, बल्कि उच्च कक्षाओं की विषयगत कठिनाइयां भी अब दूर हो रही हैं।
विद्यालयों में स्टाफ न होने के कारण छात्राओं को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों में खासा संघर्ष करना पड़ता था। प्रयोगशाला और विषयगत गतिविधियां लगभग प्रभावित रहती थीं। लेकिन लैब असिस्टेंटों और प्रशिक्षित शिक्षिकाओं के आने से अब पढ़ाई का स्तर सुधरा है। छात्राएं कह रही हैं कि अब उन्हें कक्षा नौ, दस और 11वीं की पढ़ाई समझने में आसानी हो रही है। प्रधानाचार्यों की तैनाती से विद्यालयों का संचालन, अनुशासन, सुरक्षा और हॉस्टल प्रबंधन भी पहले से अधिक मजबूत हुआ है।
सात कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्राएं रहकर वहीं पर पढ़ाई कर रहीं हैं। ऐसे में शासन के निर्देश पर नियमित शिक्षकों को रखा गया है, ताकि शिक्षिका का माहौल बेहतर हो सके। -वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
