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Budaun News: अपहरण के मामले में दो दोषियों को आजीवन कैद
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बदायूं। अपहरण के मामले में दो आरोपियों को विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) कुमारी रिंकू ने दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने दोषियों को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। साथ ही पचास-पचास हजार रुपये जुर्माना लगाया है। 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। पांच आराेपियों को दोष मुक्त किया गया है, जबकि चार आरोपियों की विचारण के दौरान मौत हो गई।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव कुरऊ निवासी अमर सिंह ने छह जून 2005 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि उसका भाई करन सिंह गांव के ही तीन अन्य कृषकों वेद प्रकाश, बृजेश व मंगलीराम के साथ पांच जून 2005 की रात को अपने नलकूप से खेत की सिंचाई कर रहे थे। रात करीब 11:00 बजे तीनों किसानों ने घर आकर बताया कि चार-पांच अज्ञात हथियारबंद बदमाश करन सिंह को उठाकर ले गए हैं और हम तीनों के साथ मारपीट की है।
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की। इस दौरान मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव बुझिया निवासी ओमपाल, पीतम, हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव ग्युतिया निवासी मेवाराम, राममूर्ति, नरेशा, महिला गौरी, रामलली, कृपाल, रघुराई, प्रेमपाल व तोती के नाम सामने आए। पुलिस ने सभी नामों की बढ़ोतरी करते हुए विवेचना शुरू कर दी।
पुलिस ने एक अप्रैल 2026 को अभियुक्त मेवाराम को गिरफ्तार कर लिया। उसने गांव बुझिया के कच्चे मकान के कमरे का ताला खोलकर दिखाया। कमरे के अंदर करण सिंह मिला। उसके हाथ व पैर में जंजीर बंधी थी। उसे जंजीर के बंधन से मुक्त कराया गया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
घटना से संबंधित सभी साक्ष्य संकलित करते हुए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। विचारण के दौरान मेवाराम, रघुराई, प्रेमपाल व तोती की मौत हो गई। राममूर्ति, नरेशा, महिला गौरी, रामलली, कृपाल को न्यायाधीश ने साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। दोषी ओमपाल पुत्र रुस्तम कश्यप व प्रीतम पुत्र मोरपाल को अपहरण और पकड़ बरामद होने के मामले में दोषी पाया गया। दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव कुरऊ निवासी अमर सिंह ने छह जून 2005 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि उसका भाई करन सिंह गांव के ही तीन अन्य कृषकों वेद प्रकाश, बृजेश व मंगलीराम के साथ पांच जून 2005 की रात को अपने नलकूप से खेत की सिंचाई कर रहे थे। रात करीब 11:00 बजे तीनों किसानों ने घर आकर बताया कि चार-पांच अज्ञात हथियारबंद बदमाश करन सिंह को उठाकर ले गए हैं और हम तीनों के साथ मारपीट की है।
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पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की। इस दौरान मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव बुझिया निवासी ओमपाल, पीतम, हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव ग्युतिया निवासी मेवाराम, राममूर्ति, नरेशा, महिला गौरी, रामलली, कृपाल, रघुराई, प्रेमपाल व तोती के नाम सामने आए। पुलिस ने सभी नामों की बढ़ोतरी करते हुए विवेचना शुरू कर दी।
पुलिस ने एक अप्रैल 2026 को अभियुक्त मेवाराम को गिरफ्तार कर लिया। उसने गांव बुझिया के कच्चे मकान के कमरे का ताला खोलकर दिखाया। कमरे के अंदर करण सिंह मिला। उसके हाथ व पैर में जंजीर बंधी थी। उसे जंजीर के बंधन से मुक्त कराया गया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
घटना से संबंधित सभी साक्ष्य संकलित करते हुए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। विचारण के दौरान मेवाराम, रघुराई, प्रेमपाल व तोती की मौत हो गई। राममूर्ति, नरेशा, महिला गौरी, रामलली, कृपाल को न्यायाधीश ने साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। दोषी ओमपाल पुत्र रुस्तम कश्यप व प्रीतम पुत्र मोरपाल को अपहरण और पकड़ बरामद होने के मामले में दोषी पाया गया। दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
