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मेरठ: महाराज सिंह ने दिलाया था ‘नेताजी’ को पहला टिकट, मलियाना में कुएं से निकलवाए थे शव, पढ़ें अनसुने किस्से

अमर उजाला ब्यूरो, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Tue, 11 Oct 2022 12:36 AM IST
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Meerut Mulayam Singh Update: Maharaj singh bharti gave first ticket to mulayam singh yadav
मुलायम सिंह की यादें - फोटो : amar ujala

सपा संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अब नहीं रहे, मगर उनकी यादें मेरठवासियों के जहन में आज भी ताजा हैं। मेरठ से उनका गहरा नाता था। यहां के कई लोग हैं, जिनसे वह हमेशा संपर्क में रहे।



पिछले 48 साल से मुलायम सिंह से जुड़े रहे सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ सपा नेता राजपाल सिंह और महाराज सिंह भारती के पौत्र मनीष भारती बताते हैं कि मुलायम सिंह ने कई बार रैलियों और सार्वजनिक मंचों पर यह बात कही कि मेरठ समाजवादी नेता महाराज सिंह भारती ने 1967 में उनका विधानसभा चुनाव के लिए जसवंत नगर से टिकट कराया था। महाराज सिंह समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी के ऑब्जर्वर बनाकर भेजे गए थे, जिन्होंने उनका टिकट फाइनल किया था।

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मुलायम सिंह की यादें - फोटो : amar ujala

राजपाल सिंह बताते हैं कि वैसे तो मुलायम सिंह यादव मेरठ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ आते रहते थे, लेकिन 5 दिसंबर 1989 को मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार वह 13 दिसंबर 1989 को मेरठ में रुड़की रोड पर आरवीसी में आए थे। यहां तत्कालीन राष्ट्रपति उस कार्यक्रम में आ रहे थे, उनके अगुवानी करने के लिए आए थे। कार्यक्रम के बाद वह लालकुर्ती थाने के सामने व्हाइट हाउस के नाम से बने कार्यालय में बैठे थे। बकौल राजपाल सिंह, वहां जिलाधिकारी से कहा कि राजपाल सिंह को बुलवाइए। वह हमारी पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं। जिलाधिकारी ने एक गाड़ी हमारे गांव रजपुरा और दूसरी गाड़ी कचहरी भेजी। बाद में मैं उन्हें आरएस के नाम से एक रेस्टोररेंट था, उसमें मिला। इसके अलावा उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान आरक्षण विरोधी आंदोलन चला तो वह उन्हें कार में बैठकर बागपत ले गए, जहां मीटिंग हुई और आंदोलन शांत कराया गया। बागपत के बरनावा में झगड़ा हो गया था, तो वहां भी गए थे।

...जब सड़क किनारे करवाई शेविंग 
सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष बताते हैं कि बात 1977 की है। मुलायम सिंह यादव कॉपरेटिव मिनिस्टर थे। वह मोदीनगर में कॉपरेटिव शाखा का उद्घाटन करने के लिए आए थे। व्यस्त चल रहे थे, तो उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी। मंत्री होते हुए भी कितने सरल थे, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने मोदीनगर में सड़क किनारे अपनी गाड़ी रुकवाई और वहीं कुर्सी और शीशा लगाकर बैठे एक हेयर ड्रेसर से शेविंग कराई।

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मुलायम सिंह की यादें - फोटो : amar ujala

मलियाना में कुएं से निकलवाए थे शव 
बकौल राजपाल सिंह, 1987 में मेरठ में दंगा हुआ था। इस दौरान मुलायम सिंह यादव मेरठ आए थे। तब वह राजपाल सिंह, विधायक शाहिद मंजूर के पिता मंजूर अहमद, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी आदि के साथ मलियाना गए थे और वहां पता चला कि कुएं में कुछ शव पड़े हैं तो वहां खड़े होकर शव निकलवाए थे। काफी बदबू थी, मगर वहीं खड़े रहे थे। बाद में लखनऊ में एक सम्मेलन में भी उन्होंने यह बात दोहराई थी। 

पूर्व विधायक की तेरहवीं में हेलिकॉप्टर से आए 
बरनावा से विधायक भोपाल सिंह की 1991 में पीएल शर्मा जिला अस्पताल में हत्या कर गई थी। मुलायम सिंह सीडीए ऑफिस के बराबर में इनकी कोठी पर तेरहवीं में आए थे। इसकी सूचना पहले से किसी को नहीं दी गई थी। हेलिकॉप्टर से पुलिस लाइंस उतरे थे। संजय अग्रवाल ज्वाइंट सेक्रेटरी थे, जिनका फोन डीएम, एसएसपी और राजपाल सिंह के पास आया था कि मुख्यमंत्री आ रहे हैं, मगर किसी को बताना नहीं है।

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पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव - फोटो : अमर उजाला

विक्टोरिया पार्क अग्निकांड के बाद भी आए थे मेरठ 
साल 2010 में हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड के बाद भी मुलायम सिंह यादव मेरठ आए थे। हालांकि इस दौरान कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी कर दी थी। झगड़ा हुआ था, जिसमें पूर्व मंत्री अब्बास का कुर्ता फट गया था। इस कांड के बाद उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा भी दिलवाया था। 

मुलायम के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नाम 
वर्तमान में भाजपा एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने खरखौदा में एक मेडिकल कॉलेज बनवाया है, जिसका नाम पर मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज था। 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन किया था। उस समय डॉ. सरोजिनी अग्रवाल सपा में एमएलसी थीं। हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली और करीब तीन साल पहले उसका नाम बदलकर एनसीआर मेडिकल कॉलेज कर दिया गया। 

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पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव - फोटो : अमर उजाला

रहो मुलायम, निर्णय लो कठोर 
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने मुझे सीख दी थी कि हमेशा मुलायम रहो, लेकिन जो सही है, उसके लिए निर्णय कठोर लो। उनकी याददाश्त बहुत तेज थी। जो एक बार मिल जाता था, उसे भूलते नहीं थे। हर 15 दिन के भीतर हर जिले के जिलाध्यक्ष और पार्टी के अन्य लोगों से बात कर जिले का हालचाल लेते थे। - राजपाल सिंह, निवर्तमान जिलाध्यक्ष, सपा 

50 पैसे नहीं, एक रुपये माफ कर दिया 
भैसाली मैदान व्यापारियों का सम्मेलन हो रहा था। उस समय सिनेमा एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने मांग रखी कि सिनेमा पर जो टैक्स सरकार को जाता है उसमें से 50 पैसे अगर छोड़ दिए जाएं तो उसका उपयोग सिनेमा मालिक अपनी आय में कर सकेंगे। उस समय मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे। उन्होंने उसी समय कहा कि 50 पैसे नहीं एक रुपये हम माफ  कर चुके हैं। लेकिन वादा करो कि प्रदेश के किसी भी सिनेमा हॉल में शौचालय बेकार और बदबूदार नहीं मिलेगा। इसके अलावा विपक्ष में रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने मेरठ में सभा की और व्यापारियों से मिले।

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