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हड़ताल खत्म: दो दिन बाद घूमे बस और ट्रकों के पहिये, आज से राहत, पेट्रोल पंपों पर अब भी कतारें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Wed, 03 Jan 2024 11:13 AM IST
सार

नए सड़क कानून पर सहमति बनने के बाद चालक काम पर लौट आए हैं। जिसके चलते दो दिन बाद बस और ट्रकों का संचालन शुरू हो गया। हालांकि, पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली।

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Strike ends: Wheels of buses and trucks turned after two days, relief from today, queues still at petrol pumps
पेट्रोल पंपों पर कतार - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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ट्रकों, बसों सहित भारी वाहनों का सोमवार को हुआ चक्काजाम मंगलवार को भी जारी रहा। वाहन चालकों की हड़ताल के चलते गैस, डीजल-पेट्रोल, फल, सब्जी, खाद्यान्न और अन्य आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति प्रभावित हो गई। गैस गोदाम खाली हो गए। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लगने से व्यवस्था चरमरा गईं। दौराला क्षेत्र से दूध लेकर पराग डेयरी गगोल आ रहे एक टैंकर में तोड़फोड़ भी की गई।

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बसोंं के साथ टैक्सी संचालन भी पूरी तरह पटरी से उतर गया। लोग बसों के इंतजार में भटकते रहे। पुलिस की मदद से दोपहर के बाद सभी डिपो से करीब 20 प्रतिशत बसों का संचालन शुरू हुआ तो यात्रियों को कुछ राहत मिली। बसों की हड़ताल के कारण ट्रेनों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रात दस बजे के बाद केंद्र सरकार से वार्ता के बाद हड़ताल वापस लेने के फैसले के बाद संचालन शुरू हुआ। आज से राहत मिलेगी। हालांकि हड़ताल खत्म होने के बाद आज से राहत की उम्मीद है, लेकिन पेट्रोल पंप पर पेट्रोल व डीजल लेने वालों की भीड़ लगी हुई है।
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संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में सख्त कानूनों को लागू करने के विरोध में सोमवार को शुरू हुई वाहन चालकों की हड़ताल ने मंगलवार को और वृहद रूप ले लिया। ट्रक चालकों ने टीपीनगर में रोड जाम करके प्रदर्शन किया। ट्रांसपोर्टरों ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हुए अपने वाहनों की चाबी जिलाधिकारी को सौंप दी।

टैंकर चालकों के हड़ताल में शामिल होने के चलते पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खत्म होने की अफवाह फैल गई। इससे लोगों की भीड़ पंपों पर जुट गई। नवीन और लोहियानगर मंडी में सब्जी, फल और खाद्यान की आवक गिर गई। शाम तक जिले की 90 प्रतिशत गैस एजेंसियों के गोदाम खाली हो गए। गैस बुकिंग बढ़ने से बैकलॉग भी बढ़ना शुरू हो गया।

50 हजार सिलिंडर का हो गया बैकलॉग, गोदाम खाली
वाहनों के चक्का जाम के चलते दो दिन से जिले में घरेलू और कॉमर्शियल गैस की आपूर्ति नहीं हो रही है। जिले में इंडेन की 40, भारत की 31 और हिंदुस्तान पैट्रोलियम की 15 गैस एजेंसी हैं। प्रतिदिन 25 हजार गैस सिलिंडरों का वितरण होता है। मंगलवार दोपहर तक 86 गैस एजेंसी में से लगभग 80 के गोदाम खाली हो गए। इस संबंध में मेरठ गैस वितरक एसोसिएशन के अध्यक्ष नमो जैन का कहना है कि गैस सिलिंडर आपूर्ति न होने के कारण अधिकतर गोदाम खाली हो गए हैं। हड़ताल के कारण उपभोक्ताओं ने गैस की अधिक बुकिंग कराई है। इससे बैकलॉग खडा हो रहा है।

सब्जियों की आवक गिरी, बिक्री भी घटी
ट्रकों की हड़ताल के चलते नवीन और लोहियानगर सब्जी मंडी में बाहर से आने वाली सब्जियों की आवक बंद हो गई है। लोकल सब्जियों के आने के साथ साथ मंडी में पहले से जमा सब्जियां मंगलवार को पांच रुपये प्रति किलो तक महंगी बिकीं। सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान पदम सिंह सैनी का कहना है कि मंडी में हाथरस और बरेली से हरी मिर्च, मध्यप्रदेश, शिवपुरी से टमाटर, बंगलूरू से अदरक, एमपी और राजस्थान से प्याज, पंजाब और उत्तराखंड से मटर की आवक होती है। इनकी आवक न होने से व्यापारियों के पास जमा सब्जियों के दाम बढ़ गए। नवीन गल्ला मंडी एसोसिएशन के प्रधान मनोज गुप्ता का कहना है कि चक्का जाम से मंडी से खरीदारी भी केवल वही लोग कर रहे हैं जो अपने ट्रैक्टर या छोटे वाहनों से सामान ले जा रहे हैं।

50 प्रतिशत कम हुई पराग दूध की आपूर्ति
हड़ताल का असर पराग दुग्ध आपूर्ति पर भी पड़ा। देहात की दुग्ध सोसायटियों से प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध की आपूर्ति होती थी जो घटकर 50 प्रतिशत रह गई। पराग दुग्ध डेयरी गगोल के प्रभारी पी एंड आई जितेन्द्र कुमार ने बताया कि रात में शहर में दूध की आपूर्ति की गई।

दो दिन बाद घुमे बस व ट्रकों के पहिये, पेट्रोल पंपों पर अब भी कतार
नए सड़क कानून पर सहमति बनने के बाद चालक काम पर लौट आए हैं। जिसके चलते सहारनपुर में दो दिन बाद बस और ट्रकों का संचालन शुरू हो गया। हालांकि, पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली।

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए सड़क कानून के विरोध में चालकों ने हड़ताल कर दी थी। जिलेभर में सोमवार और मंगलवार को रोडवेज बस, निजी बस, ट्रक व ऑटो का संचालन नहीं हुआ था। रोडवेज बसें वर्कशॉप से बाहर नहीं निकल पाई थी, जो निकली वह बस अड्डे पर ही खड़ी रही थी। मंगलवार को हालात और अधिक खराब हुए। पेट्रोल और गैस की गाड़ियां नहीं आई। सब्जियों के दाम भी बढ़ गए। पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो गया था।

मंगलवार की देर रात नए कानून पर सहमति बनी तो चालकों की हड़ताल खत्म हो गई। बुधवार से बस और ट्रकों का संचालन हो गया। बस अड्डे से बसें रवाना हुई तो लोगों को राहत मिली। लेकिन, हड़ताल का असर यह है कि अभी भी महानगर के कई पेट्रोल पंपों पर वाहनों में तेल डलवाने के लिए लंबी लाइन लगी हुई है।

शामली में दो दिन तक चली हड़ताल के बाद बस और ट्रक चालक तीसरे दिन काम पर लौटने लगे  पेट्रोल पंपों पर सुबह के समय पेट्रोल खत्म होने पर लोग परेशान रहे।

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