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Sambhal News: मैंने मन में जो ठाना है वो करके दिखाऊंगा...

Moradabad  Bureau मुरादाबाद ब्यूरो
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:04 AM IST
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I will do what I have set my mind to...
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चंदौसी(संभल)। मानवाधिकार एवं सामाजिक सुरक्षा प्रहरी की ओर से मुनेश बाबू स्टेशन अधीक्षक के सम्मान एवं विदाई समारोह कार्यक्रम के तहत रविवार को श्री गीता सत्संग भवन में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
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जिसमें कवियों और कवयत्रियों ने अपनी-अपनी कविताएं सुना कर समां बांध दिया। समां ऐसा बंधा कि एक बाद एक कविताएं सुन कर श्रोता वाह-वाह कहते नजर आए और तालियों की गड़गड़ाहट से कार्यक्रम स्थल बार-बार गूंजता रहा। कार्यक्रम की शुरुआत संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश सिंह चौहान ने मां सरस्वती के चित्र के के समक्ष दीप प्रज्वलित करके की।
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मुख्य अतिथि अंजलि ने कवियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इसके बाद कवि सम्मेलन के आरंभ करते हुए खटीमा उत्तराखंड से आयीं करुण रस की कवयित्री शांति राणा शांति की सरस्वती वंदना ... कोटि कोटि नमन मेरी मां शारदे, अपनी दया दृष्टि मां हम पर कर दीजिए की प्रस्तुति से की। शृंगार रस के युवा कवि अमित यादव श्याम ने अपनी पंक्तियों में मैने मन में जो ठाना है वो करके दिखाऊंगा, पथ कितना हो पथरीला मैं चल कर दिखाऊंगा सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
कवयित्री अंजली वर्मा चहक ने पढ़ा कि एक रानी थी मर्दानी थी, वो भी तो एक जवानी थी, उस काल की वो सच्ची देवी, युद्धों की अमिट निशानी थी। कवि अवधेश विद्यार्थी ने खुदा ने तुमको चांद सी सूरत, गुलाबों सी खुशबू दी है, मुद्दतों बाद मिली हो फिर, भी गजब- सी नजाकत दी है सुना कर प्रेम का संदेश दिया।
कवयित्री शांति राणा शांति ने दर्द छलकता है बनकर मोती, इसे छिपाऊं तो पीड़ा है होती। दिनेश पाल सिंह दिलकश ने कहा कि एक तरफ दर्द था, दूसरी तरफ फर्ज था, जिंदगी के तराजू पर, बोझ बोझ दर्ज था। करता कैसे फैसला, अपने ही दिल के खिलाफ, बहन की हर पीड़ा में, भाई का ही फर्ज था।
युवा कवि एलके विकास मिश्रा ने प्रेम को माहौल देते पढ़ा कि गलती से ही सही लबों पे मेरी बात तो आती होगी, गुजर जाता होगा दिन, रात में मेरी याद तो आती होगी। व्यंग्यकार अतुल शर्मा ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जब औलाद भी घर-आंंगन बांंटने लगे और सुपाच्य भोजन आपको काटने लगे, अगर घर वाले भी आपको समझाने लगे हैं, तभी समझो कि अच्छे दिन जाने लगे सुना कर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
इस अवसर पर विनय कुमार, योगेंद्र मोहन, राजीव पाठक, शंकर देव मिश्रा, मुकेश राठौर, नरेश, राजा, मनोज तोमर, मुकेश अग्रवाल, टीएस पाल समेत ब्रह्म कुमारी मिशन के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि माधव मिश्र ने की।
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