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Mandi: मंडी-कुल्लू मार्ग पर कैंची मोड़ फोरलेन से आगे धंस रही सड़क, खतरा बढ़ा
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडी से कुल्लू की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित कैंची मोड़ फोरलेन से आगे मगर नाले के पास एक बार फिर सड़क धंसने लगी है। यह वही स्थान है जहां वर्ष 2023 में भी भारी भूस्खलन और सड़क धंसने की घटनाएं हुई थीं। उस समय सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था, जिसकी मरम्मत कर रास्ता बहाल किया गया था। अब एक बार फिर वही इलाका खतरे की जद में है। हालंकि इससे 500 मीटर पहले कैंची मोड़ फोरलेन पर भी कुछ दिन पहले सड़क का एक डबल लेन हिस्सा टूट कर गिर चुका है और अब इस जगह भी सड़क धसने का खतरा बरकरार है।
बरसात के कारण हाल ही में कुछ दिन पहले मगर नाले से आया मलबा सीधे सड़क पर आ पहुंचा, जिससे कुछ समय के लिए मार्ग बंद भी रहा। एक कार भी मलबे की चपेट में आ गई। अब स्थिति और बिगड़ती नजर आ रही है, क्योंकि सड़क पर दोबारा धंसाव शुरू हो गया है। इसके साथ ही, इसी स्थान के पास से हटोण गांव को जोड़ने वाला लिंक रोड भी धीरे-धीरे धंस रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में डर और नाराजगी दोनों बढ़ गई है। इस डबल लेन मार्ग से मात्र 100 मीटर पीछे फोरलेन टनलों का निर्माण कार्य भी जारी है। स्थानीय भूगर्भीय स्थितियां भी इस समस्या को बढ़ा रही हैं। कैंची मोड़ और इसके आसपास की पहाड़ियां भू-संतुलन के लिहाज से बेहद संवेदनशील मानी जाती हैं। पहाड़ियों की कच्ची मिट्टी और कमजोर चट्टानें बरसात के दौरान आसानी से दरक जाती हैं, जिससे एक तरफ से पत्थर गिरने और दूसरी ओर सड़क के धंसने की घटनाएं बढ़ती जा रहीं। यदि यह मार्ग पूरी तरह ध्वस्त होता है, तो मंडी-कुल्लू हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो सकती है। फिलहाल पंडोह पुलिस मौके पर तैनात है और यातायात को सुरक्षित रूप से निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन स्थानीय लोगों का साफ कहना है कि बार-बार मरम्मत करके कोई समाधान नहीं निकल रहा। उनका प्रशासन से आग्रह है कि इस क्षेत्र में भूवैज्ञानिकों की मदद से स्थायी और ठोस समाधान निकाला जाए। स्थानीय निवासी हरदेव शर्मा ने कहा कि हर साल यही होता है। जब भी बरसात आती है, हम डर में जीते हैं। सड़क कभी भी बैठ सकती है, लेकिन अधिकारी सिर्फ जेसीबी और बेरिकेड लगाकर चले जाते हैं। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन और विभाग इस खतरे को गंभीरता से लेती है, या एक और हादसे का इंतजार होता है।
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