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Ranchi: Hundreds of angry students protested after scholarships were not paid for three years. Jharkhand
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Ranchi: तीन वर्षों से छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं, सैकड़ों आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन | Jharkhand
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Wed, 08 Oct 2025 01:23 PM IST
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झारखंड में कल्याण विभाग से ओबीसी छात्र छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि पिछले तीन वर्षों से नहीं मिलने से आक्रोशित सैकड़ों छात्र छात्राओं ने बुधवार को कल्याण विभाग के गेट पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्राओं ने कहा कि हमलोग कर्ज में लेकर फीस भरने का काम कर रहे हैं। फीस नहीं भरने पर हमलोगों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा है। तमाम छात्रों ने आज जमकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार सिर्फ बोलती है कि यह युवाओं की सरकार है।लेकिन यहां सबसे अधिक युवा ही प्रताड़ित हो रहे हैं। छात्रों ने कहा राज्य सरकार को मंईयां सम्मान योजना की राशि देने में पैसा हो जाता है।लेकिन हमलोगों को छात्रवृत्ति देने के लिए पैसा नहीं है। छात्र नेता बबलू महतो,रिंकू कुमार,सरिता कुमारी,अंजू कुमारी सहित कई स्टूडेंट ने कहा कि कल्याण विभाग का पैसा राज्य सरकार दूसरी योजना में खर्च कर दे रही है। यह सरकार अपनी नाकामी छपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है।
छात्रों ने कहा कि झारखण्ड राज्य में छात्रवृत्ति का प्रावधान केंद्र सरकार (80%) और राज्य सरकार (40%) की साझेदारी से होता है। पिछले 3 वर्षों से केंद्र सरकार अपने हिस्से का आवंटन समय पर एवं उचित मात्रा में राज्य को उपलब्ध नहीं करा रही है।सत्र 2022-23 से अब तक ओबीसी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति वितरण प्रणाली प्रभावित रही है। आँकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने केवल ₹1 अरब 60 करोड़ का ही आवंटन किया है, जबकि ₹11 अरब 40 करोड़ मिलना चाहिए था। इस प्रकार लगभग १० अरब 80 करोड़ की राशि अभी तक लंबित है।राज्य सरकार ने पिछले 2 वर्षों तक अपने हिस्से के साथ अतिरिक्त राशि जोड़कर विद्यार्थियों को सहयोग किया, किंतु सत्र 2024-25 में यह संभव नहीं हो पा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने इस विषय पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम से चर्चा भी की है।झारखण्ड विधानसभा नानसून सत्र 2025 में कल्याण विभाग को मात्र ₹39 करोड़ (केंद्र ₹27 करोड़, राज्य-₹12 करोड़) का ही प्रावधान हुआ है, जो विद्यार्थियों की संख्या और आवश्यकताओं की तुलना में नगण्य है।
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