दमोह जिले के हटा थाना क्षेत्र में खेती के लिए बैल लेकर जा रहे कुछ किसानों के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। मारपीट का आरोप स्वयं को गौसेवक बताने वाले कुछ लोगों पर लगाया गया है। उन्होंने किसानों को गो-तस्कर समझ लिया और सभी बैलों को पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि, पुलिस जांच में यह पुष्टि हुई कि बैल वैध रूप से खरीदे गए थे। लेकिन, पुलिस की ओर से मारपीट करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जानकारी के अनुसार, सोमवार रात को कुम्हारी थाना क्षेत्र के कालाकोट गांव के कुछ किसान छतरपुर जिले के बकस्वाहा से खेती के लिए बैल खरीदकर अपने गांव ले जा रहे थे। जब वे हटा क्षेत्र में पहुंचे तो कुछ गोरक्षकों को संदेह हुआ कि यह लोग गोवंश की तस्करी कर रहे हैं। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पूछताछ की और इसके बाद किसानों के साथ मारपीट कर दी। पीड़ित किसान पूरन और भरत यादव ने बताया कि वे चार बैल खरीदकर खेती के लिए अपने गांव कुम्हारी ले जा रहे थे। उन्होंने बैल खरीदी की रसीद भी दिखाई, लेकिन आरोपियों ने बात नहीं मानी और उनके साथ मारपीट की। मारपीट में किसान भरत यादव के चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं।
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पुलिस को सौंपे किसान और बैल
किसानों ने बताया कि खुद को गौसेवक बताने वाले लोग उन्हें और बैलों को पकड़कर हटा थाने ले गए। किसानों के अनुसार, उनके पास बैल खरीदी से संबंधित सभी वैध दस्तावेज मौजूद थे, लेकिन उनकी कोई बात नहीं सुनी गई।
कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई
हटा थाना प्रभारी धर्मेंद्र उपाध्याय ने बताया कि कुछ लोगों को मवेशियों के साथ थाने लाया गया था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वे बैल वैध रूप से खरीदकर खेती के लिए अपने गांव ले जा रहे थे, इसलिए सभी को जाने दिया गया। मारपीट को लेकर थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।