दमोह जिले में पहली बार सरकारी और निजी एंबुलेंस की जांच की जाएगी। जांच के बाद जो एंबुलेंस खराब या अनफिट होंगी, उन्हें सड़क से हटा दिया जाएगा। पिछले समय से इन वाहनों के खराब होने, गलत तरीके से चलने और नियम न मानने की शिकायतें आ रही थीं इसलिए कलेक्टर सुधीर कोचर ने एंबुलेंस की फिटनेस चेक करने के आदेश दिए हैं। परिवहन और स्वास्थ्य विभाग को यह काम पांच जून तक पूरा करने को कहा गया है। इस जांच के बाद करीब बारह से ज्यादा खराब और अनफिट एंबुलेंस सड़क से हटाई जा सकती हैं।
दमोह जिले में 40 से ज्यादा निजी एंबुलेंस और इससे भी ज्यादा सरकारी एंबुलेंस काम कर रही हैं। इन में से कई निजी और सरकारी एंबुलेंस की हालत बहुत खराब है। खासकर 108 इमरजेंसी एंबुलेंस की फिटनेस खराब होने की वजह से वे अक्सर खराब हो जाती हैं और रास्ते में ही बंद हो जाती हैं। इसका नुकसान मरीजों और उनके परिवार वालों को उठाना पड़ता है। निजी एंबुलेंस भी कई बार जुगाड़-टुगाड़ के सहारे चल रही हैं। हाल ही में परिवहन विभाग ने ऐसी चार एंबुलेंस जब्त की थीं, जिनके फिटनेस प्रमाण पत्र और टैक्स नहीं मिले थे।
सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन इस काम में मदद करते हुए नजर आएंगे। उन्हें जिले में चल रही सभी एंबुलेंसों की सूची आरटीओ को देनी होगी। इसमें सभी प्रकार की एंबुलेंस शामिल होंगी-निजी एंबुलेंस, जननी सुरक्षा एंबुलेंस, और 108 एंबुलेंस। सभी एंबुलेंस की मेडिकल मापदंडों के अनुसार जांच कराई जाएगी। एंबुलेंस की जांच का पूरा रिपोर्ट पांच जून तक परिवहन अधिकारी को देना होगा। अगर किसी ने इस काम में लापरवाही की तो उसे व्यक्तिगत जिम्मेदार माना जाएगा।
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परिवहन विभाग का काम
परिवहन विभाग 15 दिन के अंदर सभी निजी और सरकारी एंबुलेंस की फिटनेस जांच करेगा। पांच जून तक सभी एंबुलेंस की फिटनेस रिपोर्ट कलेक्टर के सामने पेश की जाएगी। जांच में नियमों के हर बिंदु का ध्यान रखा जाएगा, जो एंबुलेंस सड़क पर नहीं चल रही होंगी, उनके रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए जाएंगे।