दमोह जिले के तेजगढ़ वन परिक्षेत्र की पाजी बीट के कलमली के जंगल में सोमवार की दोपहर अचानक आग लग गई। देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही देर में बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया और जंगल की जमीनी परत पूरी तरह जल गई। आग को काबू करने वन अमले के साथ तेंदुखेड़ा नगर परिषद की फायर ब्रिगेड वाहन को बुलाया गया। उसके बाद आग पर काबू पाया गया। आग उस जंगल में लगी है, जहां शनिवार तक रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व से आई बाघिन एन-6 का डेरा था। उसके चलते यहां वन विभाग की सुरक्षा रही, लेकिन बाघिन के जंगल छोड़ते ही आग लग गई।
आग लगने की घटना अनेक तरह के सवाल खड़े कर रही है, लेकिन उसका जवाब किसी के पास नहीं है। वन कर्मियों को आग लगने की जैसे ही सूचना मिली वह मौके पर पहुंचे और आग पर काबू करने प्रयास करते रहे। कई घंटों बाद आग पर काबू किया गया।
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वन विभाग और ग्रामीणों संबंध खराब
जंगल में आग दोपहर 12 बजे लग गई थी। तेजगढ़ रेंज का वन अमला आग बुझाने पहुंच गया। आग काफी भीषण थी। तेजगढ़ रेजर नीरज पांडे ने भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से आग पर काबू करने अपील की, लेकिन आग को बुझाने के लिए सहयोग करने कोई भी ग्रामीण नहीं पहुंचा। इस बात से यह अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है कि वन विभाग और ग्रामीणों के बीच संबंध और व्यवहार अच्छे नहीं हैं।
इसलिए तो रेंजर की अपील के बाद भी कोई व्यक्ति भी मदद के लिए नहीं पहुंचा। जंगल जलता रहा केवल वन अमला और फायर ब्रिगेड वाहन आग पर काबू करने के प्रयास में दोपहर से रात तक लगे रहे, लेकिन पूरी तरह आग पर काबू नहीं हो पाया जा सका। सांगा गांव के ग्रामीणों की माने तो आग किन कारणों से लगी इसकी जानकारी किसी को नहीं है। आग से जंगली क्षेत्र का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो गया है। सूत्र बताते हैं एक प्लांटेशन भी आग की चपेट में आया है, जिसके पौधे जलने की पुष्टि हो रही है।
नहीं आया कोई मदद को
तेजगढ़ रेंजर नीरज पांडे ने बताया आग कैसे लगी यह तो पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन ग्रामीणों का सहयोग वन विभाग को नहीं मिला। मेरे द्वारा ग्रामीणों से मदद के लिए आर्थिक भुगतान करने की बात भी कही गई थी, लेकिन कोई व्यक्ति आग पर काबू करने और वन आमले की मदद में आगे नहीं आया। पूरा रेंज का स्टॉप आग पर काबू करने लगा हुआ है। अभी आग लगी हुई है। प्लांटेशन से आग दूर है और प्लांटेशन पूरी तरह सुरक्षित है।