मध्यप्रदेश के कटनी जिले में लगातार हुई बारिश ने खरीदी केंद्रों में रखी हजारों क्विंटल धान को बर्बाद कर दिया। खुले आसमान के नीचे रखी यह धान न सिर्फ शासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि किसानों की मेहनत पर भी पानी फेर गई। जबकि मौसम विभाग ने पहले ही बारिश का अलर्ट जारी किया था, जिला प्रशासन की सुस्ती का खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
कटनी जिले में बनाए गए 89 धान उपार्जन केंद्रों में अब तक 85 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद 9,487 किसानों से की गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 73 हजार 389 मीट्रिक टन धान का परिवहन राइस मिलर्स और ट्रांसपोर्टर्स द्वारा किया जा चुका है। बावजूद इसके, अधिकांश केंद्रों पर किसानों की उपज अब भी खुले में पड़ी हुई है। बारिश के चलते धान भीग गई, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है।
बिलहरी केंद्र क्रमांक-1 के प्रभारी पटेल ने लापरवाही का ठीकरा किसानों पर फोड़ा। उन्होंने बताया कि किसानों को पांच दिन पहले धान लाने से मना किया गया था, लेकिन किसानों ने न तो त्रिपाल लगाई और न ही सुरक्षित इंतजाम किए। हालांकि, खरीदी केंद्र में उपज सुरक्षित रखना प्रभारी की जिम्मेदारी है, लेकिन इस मामले में प्रबंधन पूरी तरह विफल साबित हुआ।
बारिश के बाद कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने स्थिति को देखते हुए धान उपार्जन सत्र 2024-25 की नीति में बदलाव करते हुए तीन दिनों तक खरीदी बंद करने के निर्देश दिए। शनिवार और रविवार को भी खरीदी बंद रहेगी, जिससे कुल पांच दिनों तक जिले में धान खरीदी पूरी तरह रुकी रहेगी।
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