मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के छोटे से गांव सिंगाजी की दो बेटियों ने प्रदेश और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। आठ बच्चों वाले एक गरीब परिवार की इन दो बहनों ने कायाकिंग कैनो खेल को अपना जीवन बनाकर बड़ी सफलता अर्जित की है।
इनमें से बड़ी बहन कावेरी ढीमर ने अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 57 मेडल जीते हैं। वे अब इंडियन नेवी में कार्यरत हैं और देश सेवा कर रही हैं। वहीं, छोटी बहन दीपिका ढीमर ने हाल ही में थाईलैंड में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है। मंगलवार को दोनों बहनें जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता से मिलने पहुंचीं, जहां कलेक्टर ने उन्हें सम्मानित किया।
मछली पकड़ने से मेडल जीतने तक का सफर
कावेरी ने बताया कि बचपन में वे अपने पिता के साथ नाव चलाकर मछली पकड़ा करती थीं। 2016 में उन्होंने भोपाल की स्टेट गेम्स अकादमी में कायाकिंग कैनो खेल से जुड़कर अपने सफर की शुरुआत की थी। अब तक वे नेशनल चैंपियनशिप में 45 गोल्ड, 6 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीनियर रैंक में एक ब्रॉन्ज मेडल सहित 6 से 7 इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उनका अगला लक्ष्य एशियन गेम्स है, जिसके लिए वे फिलहाल उत्तराखंड कैंप में अभ्यास कर रही हैं।
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दीदी को देखकर खेल में आई दीपिका
थाईलैंड में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली दीपिका ने बताया कि पहले वह भी गांव में रहकर पिता का हाथ बंटाती थीं। लेकिन जब उन्होंने अपनी दीदी को खेल में सफल होते देखा, तो प्रेरित होकर इस क्षेत्र में आने का निर्णय लिया। अब वे भी देश के लिए नेशनल और इंटरनेशनल खेलों में हिस्सा लेकर अपने गांव और परिवार का नाम रोशन करना चाहती हैं।
पिता बोले- यह मेरे लिए गर्व की बात
बेटियों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे पिता रणछोड़ ढीमर ने बताया कि उनकी बेटियां सिंगाजी गांव में नाव से मछली पकड़ती थीं। एक समय था जब उन्हें खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उन्हें ट्रायल का अवसर मिला और उन्होंने उस अवसर को भुनाया। आज उनकी दो बेटियां अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, यह उनके लिए गर्व और आनंद का क्षण है।