श्योपुर जिला मुख्यालय पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 231 और वीरपुर में 42 जोड़ों का विवाह हुआ। इस विवाह कार्यक्रम में पुरोहित की भूमिका के लिए 10 मुस्लिम शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई। इन शिक्षकों ने हवन वेदी पर बैठकर हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार विवाह कराए। बायपास रोड स्थित हेवी मशनरी टीन शेड में आयोजित समारोह में गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ विवाह संपन्न हुए। मुस्लिम शिक्षकों ने अपने साथी कर्मचारियों का अनुसरण करते हुए फेरे, गठबंधन, हवन सामग्री अर्पण, गंगाजल समर्पण और मांग में सिंदूर भरवाने जैसी सभी विधियां संपन्न कराईं।
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मुस्लिम टीचर्स में इस्माइल खान, बुंदू खान, शमशाद खान, मुमताज अली, सफदर हुसैन, नकवी गजला नोमानी, इमाम अली, मुनव्वर जहां, नुजहत परवीन, बुंदू खान शामिल थे। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष शशांक भूषण ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
वहीं हिंदूवादी संगठनों ने इसका विरोध दर्ज किया है। उन्होंने कहा है कि हिंदू रीति रिवाज में ब्राह्मण या कुल पुरोहितों द्वारा विवाह संपन्न कराया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में मुस्लिम शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी और उन्होंने विवाह संपन्न किया है। यह एक बड़ी लापरवाही है और इसको लेकर ब्राह्मण वर्ग आक्रोशित है। उन्होंने भी इसकी कड़ी निंदा की। मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि मुस्लिम शिक्षकों ने वेदी पर मंत्र नहीं पढ़े, वे तो व्यवस्था के तहत वहां बैठे थे।
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उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को राज्य सरकार की ओर से निर्धारित राशि के चेक और आशीर्वाद ओर दूल्हों को हेलमेट प्रदान किए। गरीब कन्याओं को विदा में दिए 1 लाख 40 हजार का विशेष उपहार दिए गए। इनमें अलमारी, कुलर, डबल बैड, फ्रीज, सोफा सेट, बिजली की प्रेस ड्रेसिंग टेबल, मिक्सर ग्राइंडर, रसोई के वर्तन, दीवार घड़ी, दुल्हन को शृंगार दानी, चांदी की बिछिया, पायजेब, मंगलसूत्र, कान के टॉप्स, दूल्हा-दुल्हन के कपड़े शामिल थे।