जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित मां बिरासिनी मंदिर का चल जवारा जुलूस इस बार भी अपने ख्याति के अनुरूप विशाल और ऐतिहासिक रहा। कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन और पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू द्वारा मंदिर प्रांगण में मां काली की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के उपरांत सायं चार बजे जुलूस भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर के उत्तरी द्वार से निकल कर प्रकाश चौराहा, साईं मंदिर होते हुए विसर्जन स्थल सगरा तालाब पहुंचा, जहां जवारों का विधिवत विसर्जन किया गया।
जवारों के हजारों कलशों का जुलूस जैसे ही मुख्य मार्ग पर पहुंचा, तो वहां विहंगम दृश्य उत्पन्न हो गया। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो मीलों लंबी हरी चादर बिछ गई हो। इस भव्य आयोजन में मानपुर विधायक मीना सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष शंकुतला प्रधान, पूर्व नपाध्यक्ष पं. प्रकाश पालीवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष अग्रवाल, सरजू अग्रवाल, संजीव खंडेलवाल, जानकी मिश्रा, रामप्रकाश उपाध्याय सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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प्रशासन द्वारा जुलूस तथा विसर्जन स्थल पर प्रकाश एवं सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। अपने अनूठे स्वरूप और भव्यता के कारण देशभर में प्रसिद्ध इस जुलूस में न केवल जिले से बल्कि अन्य राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। सड़कों से सटे मकानों की छतों से लेकर मार्ग तक अपार जनसमूह उमड़ पड़ा, जिससे सड़क पर पैर रखने की भी जगह नहीं बची थी।
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जुलूस में सबसे आगे नृत्य करती हुई कालिका, हाथ में गर्म-गर्म खप्पर लिए पंडा और उनके पीछे कील की खड़ाऊ पहनकर भावावेश में नाचते भक्त मां बिरासिनी के प्रति अपार भक्ति और आस्था का परिचय दे रहे थे। मान्यता है कि मां की कृपा से न तो पंडे को खप्पर की तपन का अहसास होता है और न ही बाना छिदवाने वाले भक्तों को चुभन या पीड़ा महसूस होती है। मां बिरासिनी अपने भक्तों पर ममता और कृपा बरसाने के लिए प्रसिद्ध हैं, इसी कारण लोग सैकड़ों मील दूर से मनौतियां लेकर उनके चरणों में पहुंचते हैं। नवरात्रि के दौरान विशेष योगदान देने वाली संस्था मां बिरासिनी सेवा समिति की आकर्षक झांकियां भी इस ऐतिहासिक जुलूस का हिस्सा बनीं, जिन्होंने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।