विदिशा मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में मरीजों के गरीब परिजनों की जेब काटी जा रही है, कहने के लिए तो कॉलेज की अस्पताल में सभी सुविधा निशुल्क हैं, लेकिन हकीकत में ऑपरेशन में लगने वाली दवा से लेकर सर्जिकल सामान तक मरीजों के परिजनों को ही खरीदना पड़ रहा है। अस्पताल के स्टाफ की ओर से इसके लिए बाकायदा दुकान सेट हैं, लटेरी नगर से इलाज के लिए भर्ती जुगल किशोर के परिजनों से भी मेडिकल स्टोर से सर्जिकल सामान मंगाया गया तो उनके होश उड़ गए।
दवा सर्जिकल सामान खरीदने के लिए उन्हें मेडिकल स्टोर से रसीद तक नहीं मिल पाई, लटेरी नगर के आकाश सोनी ने अपने पिता जुगल किशोर सोनी को उनके दाहिने हाथ में फ्रैक्चर होने पर यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 27 दिसंबर को भर्ती कराया था। आकाश ने बताया कि अब तक इलाज में लगने वाली ज्यादातर दवा उन्हें बाहर से खरीदना पड़ा है। मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों द्वारा उनके हाथ का ऑपरेशन किया, मरीज को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। आकाश ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर के स्टाफ ने बाहर आकर सांची मुख्य मार्ग पर स्थित मेडिकल स्टोर से दवा लाने को कहा कि दवा की पर्ची मांगी गई, तो जवाब मिला कि वहां से ले आएं, यहां से स्टोर पर बोल दिया गया है। वहां से दवा का सर्जिकल सामान दे दिया जाएगा। आकाश के मुताबिक वहां से जाने पर मेडिकल स्टोर में 5500 का सामान खरीदा गया। भुगतान के बाद जब मेडिकल स्टोर से रसीद मांगी गई तो जवाब नहीं में मिला। कहा गया कि सामान की रसीद नहीं मिलती। मजबूर होकर आकाश अस्पताल लौट आए।
मीडिया से बातचीत के दौरान आकाश ने बताया कि यही हाल दूसरे मरीजों का भी है। उनसे भी इसी तरह से सामान मंगवाया जा रहा है। अब इसकी शिकायत आकाश सोनी ने लिखित रूप से अटल बिहारी शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन से की है। वहीं जब शासकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज से बात की गई तो उसने बताया कि डॉक्टर द्वारा बाहर से दवाई मंगवा जा रही है, जिसका बिल उसने 4600 रुपये का मेडिकल स्टोर पर भुगतान किया है।
सामान मंगवाने के लिए मेडिकल कॉलेज की तरफ से कोई भी पर्चा नहीं दिया गया और मेडिकल कॉलेज डॉक्टर द्वारा सीधे मेडिकल पर फोन लगाकर दवाएं मंगवाई गईं। इस पर साबित होता है कि मेडिकल कॉलेज में कहीं ना कहीं मेडिकल स्टोर और डॉक्टर के बीच में कोई खिचड़ी पक रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। इस मामले में जब उनसे संपर्क किया गया तो किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी गई।