{"_id":"67569551a915638f6e03a888","slug":"the-panther-could-not-be-caught-in-alwar-even-after-eight-days-the-panther-was-caught-in-behror-alwar-news-c-1-1-noi1339-2398314-2024-12-09","type":"video","status":"publish","title_hn":"Alwar News: बहरोड़ में पैंथर का 24 घंटे में रेस्क्यू, अलवर का पैंथर आठ दिन से बना वन विभाग के लिए चुनौती","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Alwar News: बहरोड़ में पैंथर का 24 घंटे में रेस्क्यू, अलवर का पैंथर आठ दिन से बना वन विभाग के लिए चुनौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अलवर Published by: अलवर ब्यूरो Updated Mon, 09 Dec 2024 04:25 PM IST
बहरोड़ के रिहायशी इलाके में घुसे पैंथर को सोमवार को रेस्क्यू कर लिया गया है। वन विभाग टीम पैंथर को ट्रंक्यूलाइज करके सरिस्का ले गई। बहरोड़ में घुसे पैंथर को 24 घंटे में पकड़ लिया गया। वहीं अलवर के राजऋषि कॉलेज में आए पैंथर को आठ दिन बाद भी पकड़ा नहीं जा सका है। ये पैंथर वन विभाग से आंख मिचौली कर रहा है।
ये पैंथर अगर नहीं पकड़ा जाता तो डर से मर जाता, क्योंकि जब से इस पैंथर को देख गया तब से जबरदस्त भीड़ वहां इकट्ठा हो गई। लोगों की भीड़ को देखते हुए पैंथर इधर से उधर दौड़ता रहा। आखिर में ये पैंथर तसिंग रोड पर जेतपुरा मोहल्ले में एक मकान में जाकर छिप गया, जहां कोई रिहाइश नहीं है। वन विभाग इससे पहले इसे ट्रंक्यूलाइज करने के लिए शॉट भी लगा चुका था। मकान में जाकर यह वो बेसुध हो गया। वन विभाग के लोग इसे उठाकर बाहर ले आए। जिस समय इसे बाहर लाकर पिंजरे में रखा गया, तब जबरदस्त भीड़ वहां एकत्र हो गई। यह पैंथर 24 घंटे से ज्यादा खुले में नहीं रह सका और इसे रेस्क्यू कर लिया गया।
वहीं, अलवर में राजऋषि कालेज में घुसे पैंथर को आठ दिन हो गए और यह अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। यह पैंथर वन विभाग के लोगों से आंख मिचौली कर रहा है। हर रोज रात होने के बाद यह पिंजरे तक आता है और वहां घूम फिर कर लौट जाता है। वन विभाग ने इस पैंथर को पकड़ने के लिए दो दो पिंजरे लगा रखे हैं। ट्रैप करने के लिए कई कैमरे भी लगा दिए हैं। पैंथर कैमरे में ट्रैप भी हो रहा है और पिंजरे के आसपास इसके पगमार्क रोजाना मिल रहे हैं, लेकिन यह पिंजरे में अंदर नहीं जाता। एक बार यह पैंथर कालेज से बाहर रिहायशी कालोनी में आ चुका है, लेकिन वापस फिर कालेज में ही चला जाता है। पैंथर के खुला घूमने से कालोनी के लोग भी डरे और सहमे हुए हैं। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे। ये पैंथर सरिस्का में टाइगरों की संख्या बढ़ने से पेरिफेरी रेंज से बाहर रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं। जब तक जंगल मानवीय दखल से पूरी तरह मुक्त नहीं होगा यह समस्या आती रहेगी।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।