बांसवाड़ा जिले के झूपेल ग्राम पंचायत स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय जाम्बूड़ीपाड़ा में गुरुवार सुबह बड़ा हादसा होते-होते टल गया। विद्यालय के बरामदे की छत तड़के करीब 5 बजे अचानक गिर गई, लेकिन प्रशासन द्वारा मौसम के मद्देनजर घोषित अवकाश के चलते विद्यालय में कोई मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि नहीं हुई।
24 साल पुराना भवन, पहले ही किया गया था स्थानांतरण
विद्यालय भवन का निर्माण वर्ष 2001 में किया गया था और वर्तमान में यहां 48 विद्यार्थी नामांकित हैं। विद्यालय के पीईईओ राजेश ठाकुर की सतर्कता से कुछ समय पूर्व ही विद्यार्थियों को जर्जर भवन से हटाकर समीप के आंगनवाड़ी केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया था। छत गिरने की सूचना मिलते ही सरपंच रमेशचंद्र डिंडोर, विद्यालय स्टाफ और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। तत्काल विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) की बैठक आयोजित कर भवन की मरम्मत का प्रस्ताव पारित किया गया।
भवन को जमींदोज करने का निर्णय
सहायक अभियंता निखिल सोलंकी की तकनीकी जांच और सुरक्षा जोखिम को ध्यान में रखते हुए एसएमसी सदस्यों की उपस्थिति में विद्यालय भवन को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी ने भी मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया।
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चार दिन में दूसरी घटना
जिले में स्कूल भवनों के जर्जर होने की यह चार दिन में दूसरी घटना है। इससे पूर्व मोनाडूंगर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले कल्लाजी का मंदिर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में भी बरामदे की छत गिर चुकी है। दोनों घटनाओं में विद्यालय बंद होने के कारण जानमाल की हानि नहीं हुई। जिला प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनी के बाद 28, 29, 30 और 31 जुलाई को जिले में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया था। इसी के चलते दोनों घटनाओं में विद्यार्थी और स्टाफ सुरक्षित रहे। जिला शिक्षा अधिकारी शम्मे फिरोजा बतुल अंजुम ने संबंधित स्थानों पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश जारी किए।