भीलवाड़ा जिले के बड़लियास थाना क्षेत्र के खरेड़ गांव में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। गांव के दो मासूम चचेरे भाइयों की खाल में डूबने से मौत हो गई। 12 वर्षीय सांवर भील पुत्र रामलाल भील और शैतान भील पुत्र शंकरलाल भील रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण जंगल में बकरियां चराने गए थे, लेकिन लौटकर कभी घर नहीं आ सके।
खेलते-खेलते खाल में उतरे, गहराई का नहीं था अंदाजा
दोनों बालक खरेड़ गांव की सीमा में स्थित एक जंगल में बकरियां चरा रहे थे। इसी दौरान वे खेलते-खेलते पास ही मौजूद खाल (बरसाती जलधारा) में उतर गए। बताया जा रहा है कि खाल में लगातार बारिश के चलते पानी भरा हुआ था और उसकी गहराई का अंदाजा बच्चों को नहीं था। पानी में उतरते ही वे डूब गए।
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कोटड़ी अस्पताल पहुंचते ही हुई मौत की पुष्टि
घटना की सूचना मिलते ही परिजनों और ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। सभी लोग मौके पर दौड़े और जैसे-तैसे बच्चों को पानी से बाहर निकाला। दोनों को सवाईपुर से 108 एंबुलेंस के जरिए कोटड़ी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलने पर बड़लियास थाना पुलिस और सवाईपुर चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी कर शवों का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। बड़ला के प्रशासक शिवराज जाट ने भी घटनास्थल का दौरा कर जानकारी ली और परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने बताया कि यह एक दुखद हादसा है, जो बरसात के दौरान जलभराव वाले क्षेत्रों की असुरक्षा को उजागर करता है।
गांव में पसरा मातम
खरेड़ गांव में इस हादसे के बाद शोक की लहर दौड़ गई। दोनों बच्चों के परिजन सदमे में हैं और गांव में हर आंख नम है। ग्रामीणों ने बताया कि सांवर और शैतान न केवल पढ़ाई में अच्छे थे, बल्कि आपस में बेहद घुले-मिले हुए थे। एक ही घर में रहने वाले इन दोनों बालकों का आपसी लगाव इतना गहरा था कि दोनों हमेशा साथ दिखाई देते थे।
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सुरक्षा उपायों की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बरसात के मौसम में खालों, नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, साथ ही बच्चों को ऐसे स्थानों से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। उनका कहना है कि हर वर्ष बरसात के दौरान इस प्रकार की घटनाएं होती हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा रहा।
बड़लियास थानाधिकारी ने बताया कि परिजनों की ओर से कोई आपराधिक संदेह व्यक्त नहीं किया गया है। इसलिए मामला दुर्घटना के तौर पर दर्ज किया गया है। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।