राजस्थान के सबसे बड़े रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक बार फिर उत्साहजनक खबर सामने आई है। प्रसिद्ध बाघिन टी-107 सुल्ताना आज सुबह त्रिनेत्र गणेश मार्ग स्थित मिश्रदर्रा के नजदीक अपने नन्हे शावकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करती नजर आई। इस दृश्य के साथ ही बाघिन के शावकों को जन्म देने की पुष्टि हुई।
वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी
बाघिन सुल्ताना के नए शावकों के साथ दिखाई देने से वन विभाग के अधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। फिलहाल बाघिन के दो शावकों को जन्म देने की पुष्टि की गई है, हालांकि कुल संख्या को लेकर अभी स्पष्ट स्थिति सामने नहीं आई है।
डीएफओ मानस सिंह ने दी जानकारी
रणथंभौर के डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि आज सुबह त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग स्थित मिश्रदर्रा के पास बाघिन टी-107 सुल्ताना अपने दो शावकों को मुंह में दबाकर शिफ्ट करती नजर आई। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से कुछ समय के लिए त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया।
एहतियातन बंद किया गया मार्ग, बाद में खोला
डीएफओ के अनुसार, शावकों की शिफ्टिंग पूरी होने और बाघिन के जंगल की ओर रुख करने के बाद त्रिनेत्र गणेश मार्ग को दोबारा खोल दिया गया। यह कदम बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया।
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शावकों की संख्या पर निगरानी जारी
मानस सिंह ने स्पष्ट किया कि अभी केवल दो शावकों के साथ बाघिन को देखा गया है, लेकिन यह भी संभव है कि उसने दो से अधिक शावकों को जन्म दिया हो। वन विभाग लगातार बाघिन और उसके शावकों पर निगरानी रखे हुए है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
रणथंभौर की प्रसिद्ध वंश परंपरा
बाघिन टी-107 सुल्ताना रणथंभौर की प्रसिद्ध बाघिन है और वह टी-39 नूर की बेटी है। टी-39 नूर ने भी रणथंभौर में कई शावकों को जन्म दिया था। सुल्ताना उसकी चौथी संतान थी और अब वह खुद एक सफल मां बन चुकी है। सुल्ताना तीसरी बार मां बनी है, इससे पहले वह पहले और दूसरे लीटर में तीन-तीन शावकों को जन्म दे चुकी है। डीएफओ मानस सिंह के मुताबिक, रणथंभौर टाइगर रिजर्व में अब बाघ, बाघिन और शावकों की कुल संख्या 73 हो चुकी है। वन विभाग द्वारा संरक्षण और निगरानी के प्रयास लगातार जारी हैं।