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Visit 12 Jyotirlinga temples, including Somnath, Mallikarjuna, and Bhimashankar, during the Tigri Ganga Fair
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तिगरी गंगा मेले में कीजिए सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, भीमाशंकर समेत 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों के दर्शन
तिगरी गंगा मेले में श्रद्धालु सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, नागेश्वर, ओंकारेश्वर समेत 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों के दर्शन कर धार्मिक लाभ उठा रहे हैं। ध्यान के माध्यम से श्रद्धालुओं का तनाव दूर किया जा रहा है। एक बुराई छोड़ने के लिए ईश्वर को साक्षी मानकर संकल्प कराया जा रहा है।
तिगरी गंगा मेले में प्रजापिता ब्रहमकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की तरफ से प्रजापिता ब्रहमकुमारी बहनों और भाइयों के साथ ही उनके अनुयायियों ने भव्य शिविर लगाया है। करीब तीन बीघे के परिसर में लगा शिविर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना है। परिसर में नंदी भगवान की भव्य प्रतिमा बनी है। जिसका मुख ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की तरफ है। यहां पर ब्रहमकुमारी बहनों ने
भगवान शिव के स्वरूप 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों के भव्य स्वरूप बनाए हैं। श्रद्धालु उनका दर्शन कर पुण्य कमा रहे हैं। क्षेत्रीय प्रभारी बीके विमल ने बताया कि पूर्व में सभी बहनें और भाई मिलकर बाहर से शिवलिंग लाते थे। जिसमें बड़ी दिक्कत सामने आती थी। बाद में सभी बहनों और भाइयों ने माउंट आबू से शिवलिंग खरीद लिए। जिन पर करीब तीन लाख रुपये खर्च हुए। पहला भगवान सोमनाथ का शिवलिंग स्वरूप है। मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, नागेश्वर, रामेश्वर, त्रियंबकेश्वर, केदारनाथ,
घृणेश्वर, वैद्यनाथ के भव्य मंदिर स्वरूप बनाए गए हैं। इनको बनाने और भव्यता प्रदान करने में करीब एक लाख रुपये का खर्च आया। सभी के दर्शन कराते हुए
आशा, अलका, अनुराधा, सुभिता, नीरेश, रचना, अनीता, विनीता आदि बहनों ने बताया कि यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को 12 ज्योतिर्लिंग दर्शन के साथ ही ध्यान कराया जाता है। जिससे वह तनाव मुक्त जिंदगी जी सके। उसे दुर्व्यसन छोड़ने के लिए कहा जाता है। बाद में श्रद्धालु से भगवान के नाम
एक चिटठी लिखवाइ जाती है। जिसमें लिखता है कि वह अमुक बुराई का त्याग करता है। जिसे यहां पर रखे डिब्बे में डालता है। उस पर हाथ रखकर ईश्वर के नाम शपथ लेता है। बीके विमल ने बताया कि मेले में उनका शिविर 14 साल से लगातार लग रहा है।
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