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सात माह पहले ही खनिज परिवहन शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव पर भड़के सदस्य, VIDEO में देखें
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में मंगलवार को खनिज परिवहन शुल्क दर में 15 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनी। समय सीमा पूरी होने से सात माह पहले ही लाए गए वृद्धि के प्रस्ताव को सदस्यों ने जल्दबाजी बताते हुए खारिज कर दिया। इस दौरान वित्तीय वर्ष 25-26 में राज्य वित्त, 15वां वित्त आयोग, जिला निधि से होने वाले कार्यों के लिए सदस्यों से प्रस्ताव लिए गए।
अध्यक्ष राधिका पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में पिछली कार्यवाही की पुष्टि के बाद सदस्यों ने विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं को सदन में रखा। सबसे ज्यादा शिकायतें बिजली, शिक्षा और पीडब्ल्यूडी से जुड़ी रहीं। जिला पंचायत सदस्य मोहन कुशवाहा ने पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार विजय कुमार पटेल के निधन के बाद भी उनकी देनदारी का भुगतान न करने का मुद्दा उठाया। आरोप लगाया कि इसके बदले कमीशन की मांग की जा रही है। यह सुनते ही सदन में मौजूद सपा सांसद छोटेलाल खरवार पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन पर भड़क उठे। कड़े लहजे में नाराजगी जताते हुए तुरंत भुगतान के लिए कहा। पटवध में निर्माणाधीन सड़क पर लाइन शिफ्टिंग में गड़बड़ी की शिकायत की। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्य अनिल यादव ने डाला पिपर, बेलहत्थी गांव में बिजली पहुंचाए बिना मीटर टांगने का मुद्दा उठाया। ओबरा डैम के पिछले हिस्से में आवागमन के लिए पीपा पुल के निर्माण की मांग रखते हुए इसे शासन को प्रेषित करने की जरूरत बताई। अपर मुख्य अधिकारी राजेश चौधरी ने खनिज परिवहन शुल्क की निर्धारित दर में 15 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव रखा। दलील दी कि वर्तमान शुल्क कम होने से घाटा उठाना पड़ रहा है। पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव सहित अन्य सदस्यों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। कहा कि वर्तमान शुल्क दिसंबर तक प्रभावी है। ऐसे में सात महीने पहले यह प्रस्ताव लाया जाना उचित नहीं है। सदस्यों के विरोध के बाद इसे खारिज कर दिया गया। विभिन्न प्रकार के लाइसेंस फीस की दरों में संशोधन प्रस्ताव पर चर्चा के साथ सदस्यों से उनके क्षेत्र में जिला निधि, राज्य वित्त, 15वें वित्त से होने वाले नए कार्यों के लिए प्रस्ताव लिए गए। बैठक में एमएलसी विनीत सिंह, सदर ब्लॉक प्रमुख अजीत रावत, जयप्रकाश पांडेय, नीरज कुमार श्रीवास्तव, जुबेर आलम, सत्येंद्र सिंह, छविंद्र नाथ, उत्तरा त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
जिला पंचायत की बैठक के बाद सपा सांसद छोटेलाल खरवार ने अफसरों पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा कि यहां तैनात अफसर भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। मनमाने तरीके से काम हो रहा है। जनप्रतिनिधियों की भी सुनवाई नहीं हो रही। दिशा की बैठक में जो मुद्दे उठाए गए थे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीएमएफ का पैसा डंप पड़ा है, उससे विकास कार्य नहीं कराए जा रहे। अवैध खनन-परिवहन पर सब मौन साधे हैं, जबकि यह विभाग खुद मुख्यमंत्री के पास है। जीरो टॉलरेंस का दावा खोखला साबित हो रहा है।
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