ईरान के विदेश मंत्रालय ने पहली बार माना है कि अमेरिका के हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माइल बाघेई ने बुधवार कहा, यह पक्का है कि हमारे परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, उन्होंने परमाणु केंद्रों की स्थिति और नुकसान की और अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।
अमेरिकी सेना ने अपने बी-2 स्टेल्थ बमवर्षक विमानों को भेजा था, जिन्होंने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों – (नतांज, फोर्डो और इस्फहान) पर बंकर बस्टर बम गिराए थे। पहले इस तरह की कई रिपोर्ट सामने आईं थीं कि अमेरिका ने हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाया है या लगभग खत्म कर दिया है। अब ईरान ने खुद माना है कि उसके परमाणु केंद्रों को भारी नुकसान हुआ है।
ईरान और इस्राइल के बीच संघर्षविराम को ट्रंप अपनी कामयाबी बता रहे हैं और इस पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। हेग में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि इस्राइल के हमलों में शामिल होने का उनका फैसा संघर्ष खत्म करने वाला था, जिसे उन्होंने 'सभी की जीत' बताया। ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की प्रारंभिक रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि उसके नतीजे निर्णायक नहीं हैं। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी हमलों ने केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, खुफिया जानकारी बहुत अनिर्णायक थी। खुफिया रिपोर्ट कहती है कि हमें पता नहीं। यह बहुत गंभीर हो सकता था। उन्होंने कहा, यह बहुत गंभीर था। यह विनाश था। ईरान का परमाणु कार्यक्रम दशकों पीछे चला गया है। ट्रंप ने यह भी भरोसा जताया कि तेहरान फिर से अपने परमाणु केंद्रों को बनाने की कोशिश नहीं करेगा, बल्कि समझौते के लिए कूटनीतिक रास्ता अपनाएगा। उन्होंने कहा, मैं आपको बताता हूं, वे अब कुछ भी समृद्ध करने की आखिरी चीज चाहते हैं। वे ठीक होना चाहते हैं।