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VIDEO : Governor Bandaru Dattatreya attended the convocation ceremony of NIT Kurukshetra as the chief guest.
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VIDEO : कुरुक्षेत्र में राज्यपाल बोले- नैतिक मूल्यों पर चलकर कठिन समय में भी सहज किया जा सकता है जीवन
छात्रों को डिग्री लेने के बाद नौकरी हासिल करने के लिए हाथ नहीं फैलाने चाहिए बल्कि उन्हें खुद को इतना मजबूत करना चाहिए कि वे नौकरी देने वाले बने। यह तभी हो सकता है जब नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन हो। कठिन समय में भी नैतिक मूल्यों के आधार पर जीवन को सहज बनाया जा सकता है। छात्रों को सफल जीवन का यह पाठ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पढ़ाया। वे रविवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के खेल परिसर में आयोजित 19वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल समारोह नहीं है अपितु विद्यार्थियों की उपलब्धियों और क्षमताओं का उत्सव है। इसके बाद एक नई जिंदगी शुरू होनी है, जिसके लिए आत्मविश्वास बेहद जरूरी है। यह गहन चिंतानीय है कि आईआईटी के छात्र द्वारा भी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर लेने की खबरें अखबारों में पढ़ने को मिलती है। यह आत्मविश्वास की ही कमी का परिणाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 में नैतिक मूल्यों को खास केंद्रित किया गया है, ताकि छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके और वे कठिन समय में भी विचलित न हो।
राज्यपाल ने कहा कि एनआईटी, कुरुक्षेत्र ने देश के कुछ सबसे प्रतिभाशाली दिमागों को पोषित किया है, जिन्होंने भारत की तकनीकी, औद्योगिक और सामाजिक उन्नति में योगदान दिया है।
तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य के साथ तालमेल रखते हुए संस्थान ने मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंडिस्ट्रल इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एनर्जी टक्रलोजी, माइक्रो इकोनॉमिक्स एंड वीएलएसआई इंजीनियरिंग, रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस जैसे कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं जो सराहनीय कदम है। आर्किटेक्चर का एक नया विभाग स्थापित किया है और वर्तमान सत्र से आर्किटेक्चर में बीटेक भी शुरू किया गया है।
दुनियां में जहां भी जाएं लेकिन मातृभूमि व मातृ भाषा को न भूलें
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को कहा कि वे देश के अंबेसडर बने या फिर कोई दूसरा ऊंचा पद ग्रहण करें लेकिन जिन माता-पिता, गुरुजन व अन्य लोगों की मेहनत वहां तक पहुंचाने में लगी है, उन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए। यहां तक कि जीवन में कहीं पर भी जाकर पैसा कमाएं लेकिन अपने देश जरूर लौटें। उन्होंने श्रीराम द्वारा रावण को मारने व लंका पर विजय पाने के बाद भी वहां पर स्थापित न होने और अयोध्या लौट आने का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि हमें अपनी मातृ भूमि व मातृ भाषा कभी नहीं भूलनी चाहिए और उसकी ओर जरूर लौट आना चाहिए। श्रीराम ने भी यह संदेश हजारों वर्ष पहले दिया था। हमें अपने पूरे जीवन में कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए, क्योंकि ज्ञान एक अंतहीन खोज है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. जी सतीश रेड्डी ने विद्यार्थियों को पूरी मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया
4388 विद्यार्थियों को दी गई डिग्रियां
संस्थान के निदेशक डाॅ. बीवी रमना रेड्डी ने दीक्षांत समारोह में संस्थान की उपलब्धियां बताई तो वहीं इस दौरान इस दौरान 4388 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। इसमें बैचलर आफ टेक्नोलॉजी की 2890, पोस्ट ग्रेजुएट की 1365 डिग्री, डॉक्टर आफ फिलोशिपी की 133 डिग्री तथा आईआईआईटी सोनीपत की 81 डिग्री शामिल है। उन्होंने बताया कि इस दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 सत्र की डिग्रियां प्रदान की गई।
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