सागर जिले के मालथौन कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से शराब की बिक्री जारी है। इसे रोकने के लिए मंगलवार को वार्ड नंबर 6 और किशनगढ़ पंचायत की दो दर्जन से अधिक महिलाएं अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय पहुंचीं। महिलाओं ने कार्यालय का घेराव कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और ज्ञापन सौंपा।
अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का गुस्सा
किशनगढ़ पंचायत की महिलाओं ने ज्ञापन में गांव में बन रही कच्ची और बिक रही अवैध शराब को बंद कराने की मांग की। वहीं, मालथौन से आई महिलाओं ने रहवासी इलाकों से शराब दुकानें हटाकर नगर से बाहर संचालित कराने की अपील की।
पंचायत की सरपंच रामबती अहिरवार ने बताया कि गांव में अवैध शराब के कारण उनके परिवार टूटने की कगार पर हैं। महिलाओं का कहना है कि अगर शराब मिलना बंद हो जाए, तो उनके घर के पुरुष शराब पीना छोड़ सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति मजदूरी के पैसे छीनकर शराब में उड़ा देते हैं, और विरोध करने पर मारपीट करते हैं।
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तीन साल से लंबित मांग
वार्ड नंबर 6 की महिलाओं ने बताया कि वे तीन साल पहले तहसीलदार, सीएमओ और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। गंगा बाई ने बताया कि उनके घर के पास स्थित शराब दुकान के कारण माहौल खराब हो रहा है। शराब पीने वाले वहां लड़कियों से अभद्रता करते हैं, लेकिन प्रशासन चुप है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले विधायक भूपेंद्र सिंह ने भी सागर कलेक्टर को पत्र लिखकर शराब दुकानों को हटाने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
एसडीएम कार्यालय के सामने ही शराब दुकान
एसडीएम कार्यालय के ठीक सामने नेशनल हाइवे-44 पर एक शराब दुकान स्थित है, जो रहवासी इलाके के बीचोंबीच है। आसपास संभ्रांत परिवारों के घर और एक निजी स्कूल भी है, फिर भी प्रशासन ने इसे हटाने की कोई पहल नहीं की। एसडीएम मुन्नवर खान ने कहा कि महिलाओं की मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही, शराब दुकान हटाने के लिए कलेक्टर को पत्र भेजा जाएगा।