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Delhi Blast Update: शाहीन के सात बैंक खातों का चला पता, जांच में हुआ नया खुलासा!
Video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Sun, 16 Nov 2025 12:32 PM IST
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एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच डॉ. शाहीन कितनी बार जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज आईं, किन लोगों से मिलीं और कहाँ ठहरती थीं। साथ ही, संगठन को आर्थिक सहायता देने वालों की सूची तैयार की जा रही है। प्राथमिक जांच में माना जा रहा है कि वह लंबे समय तक कानपुर और आसपास के इलाकों में रही थीं और उसी दौरान आतंकी संगठन के संपर्क में आई होंगी। प्रयागराज में मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उनके सहपाठियों का विवरण भी जुटाया जा रहा है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में डॉ. शाहीन फार्माकोलॉजी विभाग की एचओडी थीं। विभाग दवाओं और शरीर की प्रतिक्रिया संबंधी अध्ययन से जुड़ा है। कॉलेज में वह सामान्य फैकल्टी की तरह काम करती थीं, बच्चा साथ लाती थीं और कम छुट्टियाँ लेती थीं। कॉलेज परिसर के एल ब्लॉक में उन्होंने आवास भी लिया था। सहयोगियों में से कई को उनके तलाक के बारे में जानकारी तक नहीं थी।
दिसंबर 2013 में उन्होंने विभाग का कार्यभार एक सहयोगी को सौंपते हुए 4 जनवरी 2014 को लौटने की बात कही थी। लेकिन वे वापस नहीं आईं। कॉल्स का जवाब न मिलने पर कॉलेज प्रशासन ने वर्षों तक पत्राचार किया। 2016 में कर्मचारियों को पते पर भेजा गया तो पता गलत पाया गया। अंततः 2021 में उनकी बर्खास्तगी कर दी गई। दिल्ली बम धमाके के मामले में नाम आने के बाद वे फिर चर्चा में हैं। उनके पति डॉ. जफर हयात ने पुष्टि की कि उन्होंने नदवा, लखनऊ में ‘खुला’ लिया था।
चौंकाने वाली बात यह है कि डॉ. शाहीन के बाद मेडिकल कॉलेज से कुल सात डॉक्टर अलग-अलग विभागों से लापता हुए—जिन्हें बाद में नोटिस के जवाब न मिलने पर बर्खास्त कर दिया गया। इनमें सर्जरी विभाग के तीन डॉक्टर भी शामिल थे। इनमें से कुछ डॉक्टर बाद में आसपास के जिलों में कार्यरत पाए गए। अब इन सभी की लोकेशन, रिकॉर्ड, व्यवहार और बर्खास्तगी से जुड़े दस्तावेजों की जांच दोबारा शुरू की गई है।
डॉ. शाहीन के संभावित नेटवर्क की तलाश में एजेंसियां संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने वाले एनजीओ की फंडिंग और गतिविधियों का सत्यापन कर रही हैं। शहर में मौसमी तौर पर आने वाले कश्मीरी कारोबारियों की भी जांच की जा रही है। इनमें 31 लोग ऐसे हैं जो संवेदनशील इलाकों में किराए पर रहते हैं; उनकी गतिविधियों पर सतर्क निगरानी जारी है।
जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. शाहीन का शहर से संबंध सिर्फ मेडिकल कॉलेज तक सीमित नहीं था। उनके भाई डॉ. परवेज की ससुराल कानपुर में है और उनके साले चमनगंज व बेकनगंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में व्यापार करते हैं। कुछ बड़े आयोजनों में डॉ. परवेज की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं। अब यह पता लगाया जा रहा है कि वह किन-किन मौकों पर शहर आया और किन लोगों के संपर्क में रहा।
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