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Yamuna Expressway: A story of a mother's love and courage, she saved her children who were caught in the fire
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Yamuna Expressway: मां की ममता और साहस की कहानी, खुद आग में समाई बच्चों को ऐसे बचाया!
Video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Thu, 18 Dec 2025 02:14 PM IST
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यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के हुए भीषण हादसे में आग की लपटों के बीच चीखते-चिल्लाते बच्चों की जान बचाने वाली पार्वती के शव की शिनाख्त अब डीएनए जांच से होगी। हादसे के बाद से उनका पति गोविंद अपने बच्चों के साथ कभी अस्पताल तो कभी पोस्टमार्टम हाउस के चक्कर लगाता रहा। परिजनों की डीएनए सैंपलिंग पूरी कर ली गई है और रिपोर्ट आने के बाद ही पार्वती की पहचान संभव हो सकेगी।
हमीरपुर के राठ की रहने वाली पार्वती अपने बच्चों प्राची (12) और सनी (8) के साथ डबल डेकर बस से नोएडा अपने पति के पास जा रही थीं। मंगलवार तड़के यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में बस में आग लग गई। इस दौरान पार्वती ने साहस दिखाते हुए बस की खिड़की का शीशा तोड़ा और दोनों बच्चों को बाहर निकाल दिया, लेकिन खुद आग की चपेट में आ गईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उनकी शिनाख्त के लिए बेटी प्राची का डीएनए सैंपल लिया गया है। रिपोर्ट आने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा, तब तक पति गोविंद और दोनों बच्चे रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
नोएडा के सेक्टर-87 में किराए के मकान में रहने वाले गोविंद राजमिस्त्री का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार शाम करीब छह बजे उनकी पत्नी दोनों बच्चों के साथ स्लीपर बस से उनके पास लौट रही थीं। हादसे के बाद किसी तरह बच्चे दूसरी बस से घर पहुंच गए। बेटी प्राची की कमर में गंभीर चोट है, जबकि बेटे सनी के सिर में चोट आई है। पार्वती का मोबाइल फोन हादसे के बाद से लगातार बंद आ रहा है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि सभी घायलों को आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। डॉक्टरों की टीम लगातार मरीजों की निगरानी कर रही है और दवाइयों के साथ जरूरी जांचें की जा रही हैं। दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। चिकित्सकों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए और परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया गया।
बुधवार को जिला अस्पताल में भर्ती 36 मरीजों में से 30 को स्वस्थ होने पर एंबुलेंस से घर भेज दिया गया। तीन मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें शाम को एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जबकि अब जिला अस्पताल में तीन मरीजों का उपचार जारी है। स्थिति में सुधार होने पर उन्हें भी छुट्टी दी जाएगी।
दुर्घटना के दूसरे दिन प्रशासनिक अधिकारियों ने जिला अस्पताल में डेरा डाल दिया। सीएमएस कार्यालय में बैठकर मरीजों के घर जाने की व्यवस्था कराई गई। बुधवार सुबह से ही एसडीएम सदर अभिनव जे. जैन, एडीएम नमामि गंगे राजेश यादव, डिप्टी कलेक्टर नरेंद्र यादव, ऊषा सहित अन्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे और घायलों के परिजनों से बातचीत कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं।
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