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Yamuna Expressway: 'हमें बस अपनों से मिलवा दो..' यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में 20 लापता
video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Thu, 18 Dec 2025 12:33 PM IST
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यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में कितने लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, यह तस्वीर बुधवार तक भी साफ नहीं हो सकी। अब तक केवल तीन मृतकों की ही पहचान हो पाई है, जबकि 20 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। हादसे में मोबाइल फोन, सामान और पहचान से जुड़े दस्तावेज जल जाने के कारण परिजन अपने अपनों की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
मंगलवार तड़के हुए इस हादसे के बाद से बसों में सफर कर रहे यात्रियों, चालकों, परिचालकों और क्लीनरों के परिजन अस्पतालों, पोस्टमार्टम गृह और पुलिस कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं से भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पा रही है। मोबाइल फोन बंद हैं और संपर्क के सभी रास्ते टूट चुके हैं। आंखों में आंसू और चेहरों पर बेबसी लिए परिजन बस एक ही सवाल पूछ रहे हैं—हमारे अपने कहां हैं? बुधवार को पोस्टमार्टम गृह में 20 से अधिक परिजन जानकारी के लिए पहुंचे।
हमीरपुर के गुहांड निवासी ब्रजभाग सुबह करीब 11 बजे अपने 28 वर्षीय बेटे देवेंद्र की तलाश में पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने बताया कि देवेंद्र सोमवार रात करीब आठ बजे नोएडा के लिए स्लीपर बस (यूपी 17 एटी 8577) से रवाना हुआ था। मंगलवार रात नौ बजे तक उससे बातचीत हुई, इसके बाद संपर्क टूट गया। देवेंद्र परिवार का इकलौता कमाने वाला था और उसकी शादी पिछले वर्ष फरवरी में हुई थी।
फतेहपुर के राजकुमार अपने भाई नरेंद्र यादव को खोजते हुए पहुंचे। नरेंद्र नोएडा में हलवाई की दुकान पर काम करते थे और कानपुर के नौबस्ता से डबल डेकर बस में सवार हुए थे। रात दो बजे तक बात हुई थी, उसके बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया।
संभल जिले के बहजोई निवासी जगदीश पाल अपने 30 वर्षीय बेटे पंकज कुमार की तलाश में पहुंचे। पंकज लक्ष्मी होलीडे कंपनी की डबल डेकर बस (एआर 11 डी 3100) से यात्रा कर रहे थे, लेकिन दो दिन बीतने के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिल सका।
बांदा के राजीव अपने 15 वर्षीय भतीजे ऋषभ की तलाश में पिछले दो दिनों से भटक रहे हैं। ऋषभ अब भी लापता हैं, जबकि उनके पिता देवराज गंभीर हालत में एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। जिला बस्ती के रहने वाले दीपक पांडे अपने भाई ओंकार पांडे की तलाश कर रहे हैं, वहीं रजा हुसैन अपने भाई मोहम्मद सलीम को खोजते हुए पोस्टमार्टम गृह पहुंचे। परिजनों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन के पास फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। न पहचान हो पा रही है और न यह बताया जा रहा है कि उनके अपने जीवित हैं या नहीं। हर गुजरते घंटे के साथ उनकी पीड़ा और बढ़ती जा रही है। हादसे ने सिर्फ जिंदगियां नहीं छीनीं, बल्कि कई घरों से चैन और नींद भी छीन ली है।
कानपुर के गोविंद नगर स्थित सेवा ग्राम कॉलोनी निवासी अनुज श्रीवास्तव (32), पुत्र उमाकांत के भाई शुभम और उनकी पत्नी पूजा श्रीवास्तव भी हादसे की सूचना मिलने के बाद से लापता हैं। परिजन उनकी तलाश में जुटे हैं, लेकिन अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
आंबेडकर नगर के टांडवा जलाल निवासी सुनील कुमार (पुत्र रामलाल) रोडवेज बस चालक थे। वह आंबेडकर नगर डिपो की बस लेकर दिल्ली आ रहे थे। परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ उनके परिजन भी उनकी तलाश कर रहे हैं। उनके साथ मौजूद अन्य चालक रामअवध राम और परिचालक गिरीश मिश्रा घायल हैं।
बस के परिचालक धौलपुर के बाड़ी निवासी भोलू से हादसे से एक रात पहले उनके भाई की बात हुई थी। सुबह घटना की सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे, लेकिन भाई का कहीं पता नहीं चला। शाहरुख ने बताया कि बहन सितारा और मौसा जहूर रहमान ने गाड़ी और अस्पतालों में काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
हादसे में मृतकों की पहचान के लिए परिजनों को अब सब्र का इम्तिहान देना होगा। शवों की हालत बेहद खराब होने के कारण पहचान मुश्किल है, इसलिए डीएनए जांच का सहारा लिया जा रहा है। अब तक 11 लोगों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं। शिनाख्त की प्रक्रिया के दूसरे दिन भी अस्पताल और पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भारी भीड़ और गहमागहमी का माहौल रहा।
प्रशासन द्वारा गठित विशेष टीम ने अवशेषों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए परिजनों के रक्त नमूने लिए हैं। पहले दिन सात और बुधवार को चार अन्य परिजनों के सैंपल लिए गए। सभी सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए आगरा स्थित लैब भेजे गए हैं। चिकित्सकों के अनुसार डीएनए मिलान की प्रक्रिया संवेदनशील और समय लेने वाली होती है, जिसमें कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा।
परिजन अपनों के अवशेष पाने की उम्मीद में पोस्टमार्टम हाउस और जिला अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। फतेहपुर से आए नरेंद्र यादव ने कहा, “बस हमें हमारे अपने का शरीर मिल जाए, ताकि सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर सकें। यह एक हफ्ता हमारे लिए एक सदी जैसा होगा।”
मंगलवार सुबह हुए इस सड़क हादसे में घायल हुए अधिकांश लोग बुंदेलखंड क्षेत्र के हैं, जो रोजगार की तलाश में दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा जा रहे थे। घायलों में एक ही परिवार के तीन सदस्य भी शामिल हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। बलदेव क्षेत्र में हुए इस भीषण हादसे में घायलों की संख्या सैकड़े के करीब बताई जा रही है।
हादसे में शामिल एक स्लीपर कोच में हमीरपुर के बिलगांव निवासी भारत अपने भतीजों मनीष, मोहित और आशीष के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। मंगलवार सुबह हुए हादसे में भारत, मनीष और मोहित घायल हो गए, जिनका इलाज जारी है
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