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मुबारक अली बचपन से होना चाहता था रईस, नकली नोट, ताबीज विदेशी फंडिंग और बन गया अमीर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, श्रावस्ती Published by: कनुप्रिया सत्तन Updated Sat, 04 Jan 2025 08:20 PM IST
यूपी के श्रावस्ती में राप्ती नदी की कछार में बसे लक्ष्मनपुर गंगापुर से निकला युवक पहले कबाड़ी फिर मौलाना बाद में मदरसा संचालक बन गया। इस दौरान जहां उसने खूब दौलत व सोहरत कमाया। वहीं खुद को अपने धंधे को भी दागदार करने में पीछे नहीं रहा। इतना ही नहीं दीनी तालीम की आड़ में न सिर्फ अय्याशी किया। बल्कि पकड़े जाने पर निकाह कर दाग धोने का प्रयास भी किया।
The youth who came from Lakshmanpur Gangapur, situated on the banks of the Rapti river in Shravasti, UP, first became a junk dealer, then a Maulana and later a madrasa operator. During this time, while he earned a lot of wealth and fame, he also tarnished his business. Not only this, he indulged in debauchery under the guise of religious education, but also tried to wash off his stain by marrying when he was caught.
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