गुना जिले के बीनागंज क्षेत्र के पन्हेटी गांव में आदिवासी दल सिंह की हत्या के बाद भड़की हिंसा ने बंजारा समाज को गहरे संकट में डाल दिया। इस घटना के बाद गांव के बंजारा समुदाय के घरों को आग लगा दी गई, जिससे लोग भय और दहशत में जीने को मजबूर हैं। महिलाओं और बच्चों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।
29 नवंबर को उमा बंजारा की वर्ग 3 की परीक्षा का दिन था, लेकिन हिंसा और आगजनी ने उसकी पूरी मेहनत को नष्ट कर दिया। उसकी परीक्षा से पहले सभी दस्तावेज जल गए, जिससे वह परीक्षा देने से वंचित हो गई। आंसुओं से भरी आंखों से वह सिर्फ यही मांग रही है कि उसकी परीक्षा फिर से कराई जाए।
आगजनी के बाद, गांव की महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं और वे खौफ में जी रही हैं। उनका विश्वास और सपने जलकर राख हो गए हैं। समाज अपने भविष्य को लेकर चिंतित है।
प्रशासन का कहना है कि स्थिति शांत हो रही है, लेकिन बंजारा समाज के लोग इस दावे को खारिज कर रहे हैं। उन्होंने न्याय और सुरक्षा की मांग करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि आर सागर कच्छावा के नेतृत्व में सैकड़ों बंजारा समाज के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की।
ज्ञापन में बंजारा समाज ने मांग की कि उनके जलाए गए घरों की भरपाई की जाए, उमा बंजारा की परीक्षा पुनः आयोजित की जाए और गांव में स्थायी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की जाए। बंजारा समाज ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से न्याय की अपील की है और कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, उनकी पीड़ा खत्म नहीं होगी। प्रशासन से यह जिम्मेदारी है कि वह शीघ्र दोषियों को सजा देकर प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करें।